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सोमवार, 25 जनवरी 2021

आधार कार्ड में मोबाइल नंबर अपडेट करवाने के लिए नहीं पड़ेगी किसी भी डॉक्यूमेंट की जरूरत, यहां पढ़ें पूरी खबर

आधार कार्ड में मोबाइल नंबर अपडेट करवाने के लिए नहीं पड़ेगी किसी भी डॉक्यूमेंट की जरूरत, यहां पढ़ें पूरी खबर

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अगर आप आधार कार्ड में अपना मोबाइल जुड़वाना या अपडेट करवाना चाहते हैं तो ये खबर आपके काम की है। दरअसल, UIDAI ने हाल ही में आधार कार्ड को लेकर एक ट्वीट किया है। इस ट्वीट के मुताबिक आधार कार्ड में मोबाइल नंबर अपडेट करवाने के लिए किसी भी दस्तावेज की जरूरत नहीं होगी। इसस पहले आधार में मोबाइल नंबर अपडेट करवाने के लिए किसी न किसी तरह का कोई डॉक्यूमेंट देना जरुरी होता था। 

यूनिक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया (UIDAI) के मुताबिक अगर आप अपने आधार कार्ड में मोबाइल नंबर लिंक करनावा चाहते हैं या फिर मोबाइल नंबर अपडेट करवाना चाहते हैं तो आपको नजदीक आधार सेंटर पर सिर्फ अपना आधार कार्ड ले जाना होगा। इसके अलावा आपके आधार में आपका फोटो, बायोमैट्रिक और ई-मेल जैसे करेक्शन भी बिना किसी दस्तावेज के अपडेट हो जाएंगे।



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No documents will be required to update mobile number in Aadhaar card
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Health: पालक के पांच हेल्थ बेनिफिट, जो इसे एक सुपरफूड बनाते हैं

Health: पालक के पांच हेल्थ बेनिफिट, जो इसे एक सुपरफूड बनाते हैं

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। हममें से अधिकांश को बचपन में पालक और अन्य सब्जियों से नफरत थी, जब तक कि हमने पोपाय (Popeye) को नहीं देखा। पोपाय की शक्ति का रहस्य पालक थी। यह निस्संदेह हमारे माता-पिता के लिए एक राहत की बात थी, जिन्हें हमें पालक जैसी सब्जियां को खाने के लिए काफी कनविंस करना पड़ता था। पालक में शारीरिक विकास के लिए लगभग सभी पोषक तत्व पाए जाते हैं। ऐसे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं पालक के पांच हेल्थ बेनिफिट, जो इसे एक सुपरफूड बनाते हैं।

पोषक तत्वों से भरपूर
पालक में आयरन, जिंक, मैंगनीज और विटामिन जैसे बी1, बी2, बी6,  सी, ई और के अच्छी मात्रा में होते हैं। पालक में मौजूद कैरोटीनॉयड हमारे शरीर में विटामिन ए में परिवर्तित हो जाते हैं। विटामिन शरीर के मेटबॉलिज्म को बनाए रखने और कई अन्य संबंधित कार्यों को करने में मदद करते हैं।

दिल के लिए लाभदायक
पालक में डायट्री नाइट्रेट की भरपूर मात्रा होती है, जो हमारे हृदय प्रणाली की रक्षा करता है। पालक में नाइट्रेट की मात्रा बढ़े हुए ब्लड प्रेशर को कम करने में मदद करती है। नाइट्रिक ऑक्साइड रक्त वाहिकाओं को चौड़ा करने में मदद करता है और धमनियों को चोक होने से रोकता है, जिससे दिल के दौरे की संभावना कम हो जाती है।

कैंसर से लड़ने में मदद
हाई फैट-कोलेस्ट्रॉल डाइट का सेवन हमारे शरीर में फ्री रैडिकल्स के माध्यम से ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को बढ़ाता है। फ्री रैडिकल्स हृदय रोग का खतरा बढ़ाते हैं। वे डीएनए को नुकसान पहुंचाते हैं, जिससे म्यूटेशन होता है जो कैंसर का कारण बन सकता है। पालक में प्राकृतिक एंटीऑक्सीडेंट होते हैं जो फ्री रैडिकल्स को बेअसर करते हैं और हमारे शरीर को और नुकसान से बचाते हैं। पालक में एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-वायरल गुण भी होते हैं।

आंखों के लिए फायदेमंद
विभिन्न वैज्ञानिक अध्ययनों में पाया गया है कि कैरोटीनॉयड पिगमेंट ल्यूटिन और ज़ेक्सैंथिन हमारी आंखों की दृष्टि के लिए फायदेमंद हैं। ये पिगमेंट मोतियाबिंद के जोखिम को कम करते हैं। वे एंटीऑक्सीडेंट के रूप में कार्य करते हैं जो एजिंग को धीमा करते हैं। पालक में ये पिगमेंट भरपूर मात्रा में होते हैं।



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Five Health Benefits of Spinach That Make it a Superfood
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National Tourism Day: ऑफिस से नहीं मिल रही छुट्टी और घूमने जाने का है मन, तो ऐसे करें प्लानिंग

National Tourism Day: ऑफिस से नहीं मिल रही छुट्टी और घूमने जाने का है मन, तो ऐसे करें प्लानिंग

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। फैमिली या फ्रेंड्स के साथ इस साल कहीं ट्रैवल का प्लान कर रहे हैं और ऑफिस के काम-काज से फुर्सत नहीं मिल पा रही है, तो हम National Tourism Day 2021 पर आपको एक ऐसा प्लान बताने जा रहे हैं। जिससे इस साल फरवरी से लेकर दिसंबर तक किसी भी महीने में सबसे लंबे वीकेंड का प्लान कर सकते हैं। 

फरवरी का वीकेंड

  • 13 February - Saturday
  • 14 February - Sunday
  • February 16 - Vasant Panchami

फरवरी महीने में 16 तारीख को बसंत पंचमी की छुट्टी होने की वजह से आप एक वीकेंड का प्लान कर सकते हैं। आपको बस 15 फरवरी को छुट्टी को किसी तरह एडजस्ट करना होगा। अगर आप ऐसा कर सके तो चार दिन के ट्रिप की प्लानिंग की जा सकती है। दिल्ली-एनसीआर के लोग हिमाचल के तीर्थन वैली घूमने जा सकते हैं। इस तरह मुंबई में काम करने वाले लोग लोनावला, महाबलेश्वर और खंडाला जा सकते हैं। वहीं कोलकाता के लोग सुंदरबन और चेन्नई से येलागिरी जाने की ट्रिप प्लान की जा सकती है। 


मार्च का वीकेंड

  • March 11 - Thursday (Mahashivratri)
  • March 13 - Saturday
  • 14- Sunday

मार्च महीने में 11 मार्च को महाशिवरात्रि की छुट्टी है। 13 और 14 मार्च को शनिवार-रविवार रहेगा। अब आपको किसी तरह ऑफिस से 12 तारीख की छुट्टी लेना होगा। अगर आप ऐसा कर पाए तो चार दिन का एक शानदार हॉली-डे प्लान हो सकता है। मार्च के हिसाब से कोलकाता से कार्सियोंग, चेन्नई से मुन्नार, दिल्ली से मैकलॉडगंज और मुंबई से कामेशत जाने का प्लान किया जा सकता है। वहीं दिल्ली-एनसीआर के लोग कुंभ में स्नान करने के लिए हरिद्वार भी जा सकते हैं या फिर ऋषिकेश जाने का भी प्लान किया जा सकता है। 

अप्रैल का वीकेंड 

  • 2 April - Friday (Good Friday)
  • 3 April - Saturday
  • April 4 - Sunday

अप्रैल से गर्मियां शुरू हो जाती हैं। ऐसे में उत्तराखंड, हिमाचल जाने का प्लान किया जा सकता है। इस महीने में गुड फ्राइडे की छुट्टी मिलने से एक मिनी ट्रिप प्लान तैयार किया जा सकता है। गुड फ्राइडे 2 अप्रैल को है। 3 औ 4 अप्रैल को शनिवार होने की वजह से आपको 1 अप्रैल या 5 अप्रैल को छुट्टी लेना होगा। अगर आप ऐसा कर सकते हैं, तो चार दिन के लिए आपका ट्रिप प्लान आसानी से बन जाएगा। इस महीने आप उत्तराखंड के जिम कॉर्बेट, धनोल्टी, मशोबा, माथेरान, करजात, रिनचेंपॉन्ग, लेपचाजगत, ट्रांकेबर और सक्लेशपुर जा सकते हैं। बता दें कि अप्रैल के बाद आप सीधे जुलाई में ही वीकेंड प्लान कर सकते हैं। क्योंकि मई-जून के महीने में कोई लॉन्ग वीकेंड नहीं पड़ रहा है। 

जुलाई का वीकेंड 

  • 10 July - Saturday
  • 11 July - Sunday
  • 12 July - Monday (Rath Yatra)

जुलाई के दूसरे वीक में  9 जुलाई या 13 जुलाई को एक छुट्टी एडजस्ट कर पाएं तो 4 दिन का ट्रिप मनाया जा सकता है। अगर ऐसा संभव न हो पाए तो तीन दिन का प्लान बना लीजिए। इस बीच आप दिल्ली-एनसीआर से हिमाचल की पार्वती वैली या उत्तराखंड में वैली ऑफ फ्लावर घूमने जा सकते हैं। मुंबई से मलशेज घाट या इगतपुरी, कोलकाता से पुरी या बक्खाली बीच और चेन्नई से ऊटी, कोवलम या कडलूर घूमने जा सकते हैं। 


अगस्त का वीकेंड 

  • 28 अगस्त- शनिवार
  • 29 अगस्त- रविवार
  • 30 अगस्त- सोमवार (जन्माष्टमी)

अगस्त का महीना और बारिश का मौसम। इन दिनों घूमने का मजा ही कुछ और होता है। इस महीने में 30 अगस्त को जन्माष्टमी है। अगर आप 27 अगस्त को एक छुट्टी एडजस्ट कर पाते हैं तो चार दिन का हॉली-डे प्लान किया जा सकता है। दिल्ली-एनसीआर से आगरा, मथुरा, वृंदावन घूमने जाया जा सकता है। इसके अलावा मुंबई से पंचगनी, कोलकाता से सांतिनिकेतन और चेन्नई से मुडुमलाई वाइल्ड लाइफ सेंचुरी घूमने जा सकते हैं। 


सितंबर

  • 10 सितंबर- शुक्रवार (गणेश चतुर्थी)
  • 11 सितंबर- शनिवार
  • 12 सितंबर- रविवार

सितंबर के दूसरे सप्ताह में भी एक साथ तीन छुट्टियां पड़ रही हैं। इन छुट्टियों में आप दिल्ली से मसूरी जा सकते हैं। यहां कैम्प्टी फॉल, धनोल्टी और कनातल अच्छे टूरिस्ट स्पॉट हैं। इसके अलावा मुंबई से कोलाड, कोलकाता से झारग्राम और चेन्नई से थेक्कडी या ऊटी घूमने जा सकते हैं।

अक्टूबर

  • 15 अक्टूबर- शुक्रवार (दशहरा)
  • 16 अक्टूबर- शनिवार
  • 17 अक्टूबर- रविवार

अक्टूबर के बीच में भी एक साथ तीन छुट्टियों का मौका मिल रहा है। इस दौरान आप दिल्ली से उत्तराखंड के चकराता घूमने जा सकते हैं। इसके अलावा यहां से आप जयपुर या उदयपुर भी घूमने जा सकते हैं। मुंबई से दुर्शेत, कोलकाता से कलिम्पॉन्ग और चेन्नई से नागरहोल नेशनल पार्क घूमने जा सकते हैं।

नवंबर

  • 19 नवंबर- शुक्रवार (गुरु नानक जयंती)
  • 20 नवंबर- शनिवार
  • 21 नवंबर- रविवार

नवंबर के तीसरे सप्ताह में भी एक साथ तीन दिन की छुट्टियां होंगी। इस दौरान आप उत्तराखंड के औली जा सकते हैं। नवंबर में यहां का मौसम भी जबर्दस्त होता है। इसके अलावा मुंबई से रत्नागिरी, कोलकाता से सिलिगुड़ी और चेन्नई से नंदी हील्स घूमने जा सकते हैं।

दिसंबर

  • 24 दिसंबर- शक्रवार
  • 25 दिसंबर- शनिवार (क्रिसमस)
  • 26 दिसंबर- रविवार

वैसे तो दिसंबर का महीना छुट्टियों के लिए जाना जाता है। क्रिसमस और न्यू ईयर की छुट्टियां बिताने के लिए इस महीने सबसे ज्यादा प्लानिंग करते हैं। इस महीने के अंतिम सप्ताह में भी एक साथ तीन छुट्टियां होंगी। इस दौरान आप हिमाचल की पराशर लेक देखने जा सकते हैं। वहीं, मुंबई से गोवा, कोलकाता के सामसिंग और चेन्नई से अलेप्पी के टूर पर निकल सकते हैं।


 



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National Tourism Day Visit these places for traveling when you have got leave from office
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रविवार, 24 जनवरी 2021

Health: जानिए उन 5 फूड के बारे में जो कर सकते हैं स्ट्रेस को मैनेज

Health: जानिए उन 5 फूड के बारे में जो कर सकते हैं स्ट्रेस को मैनेज

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। तनाव, वर्किंग प्रोफेशनल और होममेकर्स के जीवन का एक नियमित हिस्सा बन गया है। तनाव के दौरान, हमारा शरीर कोर्टिसोल हार्मोन का निर्माण करता है, जो एक सर्वाइवल मैकेनिज्म के रूप में हमारी भूख को बढ़ाता है। ऐसे में बॉडी तनाव को कम करने के लिए शुगर, कार्बोहाइड्रेट और फैट वाली चीजों की डिमांड करती है। हालांकि, ऐसे खाद्य पदार्थ लंबे समय में तनाव को कम करने में मदद नहीं करते हैं। यदि जल्दी इलाज नहीं किया जाता है, तो तनाव अवसाद और अन्य मानसिक बिमारियों को जन्म दे सकता है। ऐसे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं पांच हेल्दी फूड्स जो स्ट्रेस के कम करने में आपकी सहायता कर सकते हैं।

1. सिट्रस फ्रूट
यदि किसी स्ट्रेसफुल डे के दौरान आपकी मीठी चीज खाने का मन करता है, तो कैंडी बार या पेस्ट्री की तुलना में फलों का सेवन करना बेहतर है। खट्टे फल जैसे कि संतरे, नींबू और अंगूर का स्वाद मीठा होता है। साथ ही इसके हेल्थ बेनिफिट भी है, जो की आपको केक और दूसरी चीजों में नहीं मिलते। मनोवैज्ञानिक तनाव ऑक्सीडेटिव डैमेज का कारण बनता है। इस तरह के प्रभावों का सिट्रिस फ्रूट अच्छी तरह से मुकाबला करते हैं। क्योंकि इन फलों में साइट्रिक एसिड पाया जाता है।

You're About to Meet Your New Favorite Citrus Fruit | Cooking Light

2. हर्बल चाय
तनाव के दौरान न्यूरोट्रांसमीटर हार्मोन सेरोटोनिन कम हो जाता है जो की डिप्रेशन का कारण बनता है। दरअसल, न्यूरोट्रांसमीटर हार्मोन हमारे शरीर में मूड़, इमोशन, मेमोरी, कॉग्निशन और डोपामाइन को नियंत्रित करते हैं। इससे हमारी भूख और प्लेजर प्रभावित होती है। चाय में कैफीन और एल-थीनिन होता है, जो सेरोटोनिन और डोपामाइन के स्तर को बढ़ाता है और अतिरिक्त कोर्टिसोल को भी कम करता है। हर्बल टी जैसे कैमोमाइल, पिपरमिंट, अदरक और लैवेंडर चाय डी-स्ट्रेसिंग के लिए काफी प्रभावी हैं।

How To Grow A Tea Garden | Best Herbs For Making Tea

3. डार्क चॉकलेट
कई साइंटिफिक स्टडी में डार्क चॉकलेट के स्वास्थ्य लाभों की पुष्टि हुई है। दो सप्ताह तक प्रतिदिन 40 ग्राम डार्क चॉकलेट खाने से कोर्टिसोल का स्तर कम होता है और मरीज को आराम मिलता है।

Dark Chocolate Consumption Craze May Outstrip Supply - INDVSTRVS

4. नारियल पानी
नारियल पानी तनाव से जुड़े न्यूरोमस्कुलर एक्साइटेशन को कम करता है। कोर्टिसोल के स्तर में वृद्धि से पोटेशियम का स्तर कम हो जाता है और रक्त में सोडियम का स्तर बढ़ जाता है। पोटेशियम का कम स्तर न्यूरोमस्कुलर तनाव पैदा करता है और मांसपेशियों की मरोड़ का कारण बनता है। नारियल इन प्रभावों का मुकाबला करने के लिए पर्याप्त पोटेशियम प्रदान करता है।

iTi Tropicals offers coconut water | 2020-02-28 | Food Business News

5. कैल्शियम युक्त खाद्य पदार्थ
क्रोनिक तनाव हमारी हड्डियों को प्रभावित करता है क्योंकि कोर्टिसोल का बढ़ा स्तर हड्डियों में कैल्शियम की कमी का कारण बनता है। लंबे समय में यह ऑस्टियोपोरोसिस का कारण बन सकता है। कैल्शियम से भरपूर खाद्य पदार्थ, जैसे कि सरसों का साग, कोलार्ड साग, ब्रोकोली, केल, खसखस ​​और तिल, नुकसान को उलट सकते हैं।

Calcium Rich Foods: 9 Healthy Sources That Aren't Milk



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Five Foods to Manage Stress and its Effects
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Health: पीपीते के पत्तों का रस है औषधीय गुणों से भरपूर, जानिए इसके 5 फायदे

Health: पीपीते के पत्तों का रस है औषधीय गुणों से भरपूर, जानिए इसके 5 फायदे

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पपीता - एक मल्टीपर्पज फ्रूट। अकला पपीता ही नहीं इसका पूरा का पूरा प्लांट ही औषधीय गुणों से भरपूर है। इसके पत्ते भी अपने अत्यधिक शक्तिशाली औषधीय गुणों के लिए जाने जाते हैं। जिस प्रकार पीले, नारंगी, फ्रूट विटामिन से भरपूर होते हैं, उसी प्रकार हरे पपीते का पत्ते में विटामिन ए, सी, ई, के, बी होता है। इसके साथ-साथ इसमें कैल्शियम, मैग्नीशियम, आयरन, सोडियम की भरपूर मात्रा होती है। पपीते के पत्ते का उपयोग कई बीमारियों को ठीक करने के लिए किया जाता है। इसका रस अद्भुत काम करता है। आइए आपको बताते हैं पपीते के पत्ते के रस के कुछ असाधारण स्वास्थ लाभ:

1. डेंगू में लाभदायक: 
डेंगू के चलते हमारे ब्लेड में प्लेटलेट काउंट की कमी हो जाती है। पपीते के पत्ते का रस प्लेटलेट बढ़ाने में चमत्कार की तरह काम करता है। पपीते के पत्ते का 25 मिलीलीटर रस दिन में दो बार पानी के साथ लेने से डेंगू से लड़ने में मदद मिलती है।

2. लिवर के लिए फायदेमंद: 
पपीते की पत्ती के अर्क से आपके लिवर की कार्यप्रणाली में सुधार होता है। जूस के हीलिंग गुणों में क्रोनिक लिवर की बीमारियों को ठीक करने की क्षमता है- पीलिया, लिवर किरहोसिस। यह स्वाभाविक रूप से लिवर को detoxify करता है और लिवर से विषाक्त पदार्थों को साफ करता है।

3. त्वचा, बालों को बेहतर बनाता है: 
आपके शरीर पर पपीते का रस लगाने से ड्राय स्किन की समस्या दूर होती है। यह एक प्राकृतिक मॉइस्चराइज़र के रूप में कार्य करता है। पिंपल्स, मुंहासे को कम करता है। अतिरिक्त तेल स्राव को रोकता है। हेयर ग्रोथ, डेनड्रफ में भी पपीते का जूस मददगार है।

4. मलेरिया को ठीक करता है:
पपीते के पत्ते के रस में एसिटोगोनिन कंपाउंड होता है जो मलेरिया के इलाज के लिए प्रभावी रूप से काम करता है। इसके प्लास्मोडायस्टेटिक गुण अप्रत्यक्ष रूप से मलेरिया फीवर को मैनेज करते हैं।

5. मधुमेह को नियंत्रित करता है और पाचन को बढ़ाता है: 
पीपीते के रस की मेडिसिनल प्रॉपर्टी इंसुलिन सेंसिटिविटी को बढ़ाने और ब्लड शुगर के लेवल को नियंत्रित करने में मदद करती है। यह ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को कम करता है, किडनी डैमेज को रोकता है। इसके एंजाइम पेट के अल्सर और  अपच के लिए अद्भुत काम करते हैं।



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Reasons Why One Should Consume Papaya Leaf Juice
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Avian Influenza: इंसानों के लिए कितना खतरनाक है बर्ड फ्लू, जानिए इससे जुड़े हर सवाल का जवाब?

Avian Influenza: इंसानों के लिए कितना खतरनाक है बर्ड फ्लू, जानिए इससे जुड़े हर सवाल का जवाब?

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। देश में कोरोना संक्रमण के बीच H5N1 वायरस से होने वाला एवियन इन्फ्लूएंजा तेजी से बढ़ रहा है। अकेले राजस्थान में 400 से ज्यादा पक्षी इस संक्रमण से अपनी जान गंवा चुके हैं। फिलहाल एवियन इन्फ्लूएंजा से सबसे ज्यादा प्रभावित राज्य हिमाचल प्रदेश, राजस्थान, केरल और मध्य प्रदेश है। इस प्रकार का इन्फ्लूएंजा मुख्य रूप से पक्षियों को प्रभावित करता है, लेकिन ये मनुष्यों तक भी पहुंच सकता है।

आम तौर पर वायरस से संक्रमित पक्षी के संपर्क में आने पर इंसान में ये ट्रांसमिट हो सकता है। बर्ड फ्लू की बीमारी पक्षियों के मल, लार, नाक-मुंह या आंख से स्राव के माध्यम से इंसानों में फैल सकती है। इसके अलावा, यह वायरस एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में भी ट्रांसमिट हो सकता है। एवियन इन्फ्लूएंजा से पीड़ित किसी भी व्यक्ति को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वे खुद को दूसरों से अलग कर लें ताकि वे अन्य लोगों में एयरबॉर्न रेस्पीरेटरी ड्रॉपलेट्स के माध्यम से दूसरों में ट्रांसमिट न हो।

एवियन इन्फ्लूएंजा के लक्षण
एवियन इन्फ्लूएंजा के कुछ शुरुआती लक्षणों में खांसी, बुखार, गले में खराश, मांसपेशियों में दर्द, सिरदर्द और सांस की तकलीफ शामिल हैं। बीमारी से संक्रमित होने के बाद आपमें लक्षण जाहिर होने में दो से सात दिनों का समय लग सकता है। ये वायरल संक्रमण बढ़कर न्यूमोनिया हो सकता है और कभी-कभी तो सांस की परेशानी भी हो सकती है। बर्ड फ्लू न्यूमोनिया का बहुत आक्रामक शक्ल की वजह बनता है जो अक्सर घातक होता है।

किन लोगों को है इस बीमारी का ज्यादा खतरा?
जो लोग पक्षियों के फार्म पर काम करते हैं, उन्हें इस बीमारी के होने का खतरा अधिक होता है। इस श्रेणी में आने वाले लोग पोल्ट्री फार्म वर्कर, एनिमल कंट्रोल वर्कर, वाइल्डलाइफ बायोलॉजिस्ट, ऑर्निथोलॉजिस्ट आदि हैं। यह सलाह दी जाती है कि इन क्षेत्रों में काम करने वाले लोगों को पक्षियों के पास जाने से पहले अपने हाथों, नाक और मुंह को ढक लेना चाहिए। इन तीन हिस्सों से ही वायरस से संक्रमित होने का खतरा सबसे ज्यादा रहता है।

इंसानों के लिए कितना खतरनाक और कैसे फैलता है ये वायरस?
इंसानों में इस वायरस से मृत्यु दर करीब 60% है। इंसानों में बर्ड फ्लू का पहला मामला हॉन्ग कॉन्ग में साल 1997 में आया था। बर्ड फ्लू की बीमारी पक्षियों के मल, लार, नाक-मुंह या आंख से स्राव के माध्यम से इंसानों में फैल सकती है। वहीं हेल्थलाइन की एक रिपोर्ट के मुताबिक, पक्षियों के पूरी तरह से पके हुए मांस या अंडे खाने से ये बीमारी लोगों के बीच नहीं फैलती है। आप किसी दूषित सरफेस के माध्यम से भी वायरस की चपेट में आ सकते हैं।

इलाज
एवियन इन्फ्लुएंजा के लक्षण दिखाने के दो दिनों के भीतर एंटीवायरल दवाओं का सेवन प्रभावित व्यक्ति को राहत पहुंचा सकता है। फ्लूएंजा के ह्यूमन स्ट्रेन से बचने के लिए डॉक्टर आपको फ्लू शॉट लेने की सलाह दे सकते हैं। अगर आपको एवियन फ्लू और ह्यूमन फ्लू एक ही समय पर होते हैं तो ये फ्लू का एक नया और जानलेवा रूप ले सकता है। FDA ने इसके एक वैक्सीन डिजाइन को मंजूरी दे दी है, लेकिन अभी वो लोगों के लिए उपलब्ध नहीं है। एक्सपर्ट कहते हैं कि H5N1 लोगों के बीच फैलने पर ही उसका इस्तेमाल किया जाएगा।



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Everything You Need to Know About the Causes and Symptoms of Avian Influenza
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Health: बर्ड फ्लू जैसी बीमारियों से बचने की 5 नेचुरल और आयुर्वेदिक टिप्स

Health: बर्ड फ्लू जैसी बीमारियों से बचने की 5 नेचुरल और आयुर्वेदिक टिप्स

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। बर्ड फ्लू, जिसे एवियन इन्फ्लूएंजा भी कहा जाता है, उन देशों के लिए दोहरी मार है जो पहले से ही कोविड-19 के खिलाफ अपनी सबसे बड़ी लड़ाई लड़ रहे हैं। कोविड-19 की ही तरह इस बीमारी में भी फीवर और रेस्पिरेटरी से जुड़े सिम्पटम नजर आते हैं।  उपलब्ध आंकड़ों और आयुर्वेद के सामान्य नियम के अनुसार अच्छी प्रतिरक्षा प्रणाली से ही बीमारियों से लड़ा जा सकता है। तो, किसी भी तरह की बीमारी से खुद को बचाने का सबसे अच्छा तरीका है अपनी इम्यूनिटी को बढ़ाना और एक हेल्दी लाइफस्टाइल का पालन करना।

न सिर्फ अच्छा खाना बल्कि सुबह जल्दी उठना और समय पर सोना भी एक स्वस्थ जीवन शैली का हिस्सा है। आयुर्वेदिक डॉक्टर कहते है कि वर्क फ्रॉम होम की वजह से कई लोग रात-रात भर काम करते हैं। ऐसे में उनका स्लीप साइकिल बिगड़ रहा है।  इस तरह की जीवन शैली हमारी प्रतिरक्षा और शरीर के विभिन्न 'दोष' को प्रभावित करती है। इसलिए सबसे पहले हम सभी को स्वस्थ जीवन शैली का पालन करने की आवश्यकता है, जिसमें समय पर स्वस्थ भोजन, अच्छी नींद, डेली एक्सरसाइज और ध्यान शामिल हैं। ऐसे में आज हम आपको बताते जा रहे हैं अपने इम्यून सिस्टम को शेप देने और शरीर की लड़ने की प्रणाली को मजबूत करने के लिए कुछ सरल और प्रभावशाली उपाय जिनका आप पालन कर सकते हैं।

1. डाइट में जड़ी-बूटियों को शामिल करें: 
बर्ड फ्लू जैसे संक्रमण से बचने के लिए आप अपने दैनिक आहार में अदरक, लहसुन, हल्दी जैसी कुछ जड़ी-बूटियां शामिल कर सकते हैं। ये जड़ी-बूटियां शरीर को लड़ने की ताकत देती हैं और हमारे शरीर को संक्रमित होने से भी बचाती हैं।

2. नास्य क्रिया: 
हर सुबह प्रत्येक नथुने में अनु तेल की दो से चार बूंदें डालने से श्वसन प्रणाली को शक्ति मिलेगी। इस चिकित्सा को नास्य के रूप में जाना जाता है। यह नेजल केविटी से प्रदूषकों को बाहर निकालने में मदद करता है।

3. ऑइल पुलिंग थेरेपी:
अन्य महत्वपूर्ण चिकित्सा में से एक ऑइल पुलिंग थेरेपी है। इसे कुछ सेकंड के लिए मुंह में गुनगुने तेल को रखकर किया जा सकता है और इसके बाद एक चुटकी नमक के साथ गुनगुने पानी के साथ गरारे करें। इसके साथ स्टीम इनहेलेशन भी करें। ऑयल पुलिंग थेरेपी, गरारे करना और स्टीम इनहेलेशन से विषाक्त पदार्थों को निकालने और प्रतिरक्षा को बढ़ाने में मदद मिलती है।

4. अपनी सुबह की शुरुआत एक चम्मच च्यवनप्राश से करें: 
दैनिक जीवन में एक और महत्वपूर्ण चीज है च्यवनप्राश। नाश्ते के दौरान हर सुबह च्यवनप्राश का एक चम्मच लेने से प्रतिरक्षा को बढ़ाने में मदद मिलती है और श्वसन प्रणाली मजबूत होती है।

5. गोल्डन मिल्क: 
सोने से पहले, गोल्डन मिल्क (शक्कर के साथ दूध और चुटकी भर हल्दी) लेना बुखार, सर्दी और बहती नाक आदि जैसे लक्षणों से छुटकारा पाने का सबसे अच्छा उपचार है।



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5 Natural and Ayurvedic Tips to Prevent Bird Flu
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