
सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को सीबीएसई के सितंबर में 10वीं और 12वीं की कम्पार्टमेंट परीक्षा आयोजित करने के फैसले को चुनौती देने वाले याचिका पर सुनवाई की। जस्टिस एएम खानविल्कर, दिनेश माहेश्वरी और संजीव खन्ना की बेंच ने मामले की सुनवाई को 14 सितंबर तक के लिए टाल दिया है। साथ ही याचिकाकर्ताओं को निर्देश दिया कि वे विश्वविद्यालयों में अस्थायी प्रवेश के लिए उनकी प्रार्थना पर विचार करने की याचिका की कॉपी यूनियन ऑफ इंडिया के सामने पेश करें।
कॉलेजों में अस्थायी प्रवेश का अपील की
गुरुवार को वरिष्ठ अधिवक्ता विवेक तन्खा ने याचिका में से एक को प्रस्तुत करते हुए कहा कि आम तौर पर कम्पार्टमेंट परीक्षाएं कॉलेज प्रवेश से पहले आयोजित की जाती हैं। उन्होंने कहा कि, " अगर कम्पार्टमेंट परीक्षा के बाद कॉलेजों में प्रवेश नहीं मिलता है, तो पूरा साल बर्बाद हो जाएगा।" ऐसे में उन्होंने कोर्ट से विश्वविद्यालयों में छात्रों को अस्थायी प्रवेश देने के लिए एक दिशा-निर्देश पारित करने की अपील की।
7 सितंबर तक बोर्ड से मांगा था जवाब
अपील पर जवाब देते हुए बेंच ने कहा कि इस तरह की राहत पर विचार करने के लिए सभी विश्वविद्यालयों में नोटिस देना होगा। भारत संघ द्वारा इस संबंध में आवश्यक दिशा-निर्देश जारी करने के तन्खा के सुझाव पर न्यायालय ने निर्देश दिया कि याचिका की कॉपी भारत संघ में प्रस्तुत की जाए।
इससे पहले 4 सितंबर को जस्टिस एएम खानविल्कर, दिनेश माहेश्वरी और संजीव खन्ना की बेंच ने CBSE को 7 सितंबर तक जवाब में परीक्षा की योजना को निर्धारित करने और कोरोना के बीच परीक्षा आयोजित किए जाने के तरीके को बताने के लिए एक हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया था।
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