
यूनिवर्सिटी ग्रांट्स कमीशन (UGC) ने एससी, एसटी और सामाजिक के आधार पर किसी भी स्टूडेंट के साथ शिक्षक द्वारा किए गए दुर्व्यवहार के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करने का फैसला लिया है। अभी तक हायर एजुकेशनल इंस्टीट्यूट में सीनियर स्टूडेंट्स द्वारा नए स्टूडेंट्स से रैगिंग को लेकर ऐसे मामले सामने आते रहे हैं। लेकिन, अब बीते कुछ समय में मेडिकल, इंजीनियरिंग समेत अन्य कॉलेजों में टीचर्स द्वारा छात्रों की ऐसी शिकायतों के बाद आयोग ने सख्त कार्रवाई का फैसला किया है।
UGC सचिव ने लिखा पत्र
इस बारे में यूनिवर्सिटी ग्रांट्स कमीशन के सचिव प्रो. रजनीश जैन ने सभी यूनिवर्सिटी को एक पत्र लिखा है। इस पत्र में उन्होंने लिखा है कि आयोग उच्च शिक्षण संस्थानों में जाति आधारित भेदभाव की लगातार निगरानी कर रहा है। अधिकारी या शिक्षक अनुसूचित जाति, अनुसूचित जन-जाति के स्टूडेंट्स के खिलाफ उनके सामाजिक पृष्ठभूमि के आधार पर किसी प्रकार का भेदभाव न करें।
शिकायत के लिए वेबसाइट पर बनेगा पेज
उन्होंने इसके लिए यूनिवर्सिटी को निर्देश दिए कि ऐसे स्टूडेंट्स की तरफ से जातिगत भेदभाव की शिकायतें दर्ज कराने के लिए अपने वेबसाइट पर एक पेज बनाएं। इसके अलावा कुल-सचिव या प्राचार्य के कार्यालय में शिकायत रजिस्टर भी रखें। अगर ऐसी कोई शिकायत आती है तो तुरंत जांच के साथ आरोपी के खिलाफ कार्रवाई करें। ऐसी शिकायतों का समाधान के लिए इंस्टीट्यूट को अलग से समिति भी गठित करनी होगी।

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