
इन दिनों इंटरनेट पर एक टीचर के पढ़ाने का नया अंदाज काफी पसंद किया जा रहा है। कोरोना की वजह से स्कूल बंद होने के बाद से ही ऑनलाइन क्लासेस के जरिए देशभर में पढ़ाई कराई जा रही है। लेकिन, देश में ही कुछ ऐसे भी बच्चे है, जो इंटरनेट या स्मार्टफोन ना होने के कारण ऑनलाइन क्लासेस से वंचित है। ऐसे में छत्तीसगढ़ के कोरिया जिले के एक शिक्षक ने इन बच्चों को पढ़ाने का एक बेहतरीन तरीका निकाला है। अपनी बाइक पर बोर्ड और घंटी लिए रुद्र राणा मोहल्ला क्लास के जरिए अलग-अलग मोहल्ले के बच्चों को पढ़ा रहे हैं।
घंटी बजाते ही शुरू होती है क्लास
राणा कहते है कि कोरोना के कारण स्कूल बंद हैं और कई बच्चों की ऑनलाइन शिक्षा तक पहुंच नहीं है, इसलिए उन्होंने शिक्षा को घर- घर तक पहुंचाने की सोची। इस तरकीब के जरिए शिक्षक और छात्रों दोनों की सुरक्षा भी सुनिश्चित होती है, क्योंकि उनमें कोई संपर्क नहीं होता है। मौजूदा दौर में जब बच्चे स्कूल नहीं जा पा रहे है, तब एक शिक्षक के तौर में अपना फर्ज निभाते हुए राणा बच्चों के दरवाजे तक शिक्षा पहुंचा रहे हैं। बाइक पर छतरी,चॉक और डस्टर लिए राणा जैसे ही घंटी बजाते है, सभी बच्चे सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए इस क्रिएटिव क्लास का हिस्सा बन जाते है।
इंटरनेट पर मिल रही खूब तारीफ
एक क्षेत्र से दूसरे क्षेत्र में जाकर राणा वहां के बच्चों को इकट्ठा कर उन्हें कोरोनावायरस और उनके शैक्षणिक विषयों के बारे में सिखाते हैं। उन्होंने कहा कि उनकी इस में बच्चे ना सिर्फ शामिल हो रहे हैं, बल्कि इसमें रुचि भी दिखा रहे हैं। जबकि स्थानीय लोग इस पहल की सराहना कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि "मेरी बाइक पर लगा छाता शिक्षा के एक नए तरीके को दर्शाता है। साथ ही यह मुझे गर्मी और बारिश से भी बचाता है।" कोरोना काल में स्टूडेंट्स की मदद के लिए किए गए राणा के इस प्रयास की इंटरनेट पर जमकर तारीफ की जा रही है।
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