
दुनियाभर के कई देशों में 5G नेटवर्क शुरू हो चुका है, तो कई इसका ट्रायल शुरू करने वाले हैं। इस बीच इंटरनेट स्पीड को टेस्ट करने वाली कंपनी ओपनसिग्नल ने 5G नेटवर्क से जुड़ी अपनी रिपोर्ट पेश की है। रिपोर्ट के मुताबिक, दुनिया में सबसे तेज 5G डाउनलोड स्पीड सऊदी अरब में है। जबकि दूसरे नंबर पर दक्षिण कोरिया का नाम है।
ओपनसिग्नल के मुताबिक, सऊदी अरब में 5G नेटवर्क पर औसतन डाउनलोड स्पीड 377.2 Mbps रही। जबकि साउथ कोरिया में 5G नेटवर्क पर औसतन डाउनलोड स्पीड 336.1 Mbps रही। रिपोर्ट में 15 देशों के 5G स्पीड से जुड़ा 1 जुलाई से 28 सितंबर तक का डेटा लिया गया है।
5G डाउनलोड स्पीड में टॉप-5 देश (Mbps में)
देश | 5G डाउनलोड स्पीड | 4G डाउनलोड स्पीड |
सऊदी अरब | 377.2 | 30.1 |
दक्षिण कोरिया | 336.1 | 60.5 |
ऑस्ट्रेलिया | 215.8 | 43.1 |
ताइवान | 211.8 | 32.9 |
स्पेन | 201.1 | 28.6 |
377.2 Mbps का मतलब होता है कि 1 सेकंड में 377.2 MB डेटा डाउनलोड किया जा सकता है। इसे इस तरह समझ सकते हैं कि 1GB की कोई मूवी आप डाउनलोड करते हैं तब उसमें 3 सेकंड का वक्त भी नहीं लगेगा। यानी पलक झपकते ही मूवी डाउनलोड हो जाएगी।
ओपनसिग्नल की रिपोर्ट के मुताबिक, सऊदी अरब में 4G डाउनलोड स्पीड 30.1 Mbps है, जो 5G की तुलना में 12.5 गुना कम है। वहीं, इसकी तुलना भारत की 4G स्पीड से जाए तो ट्राई की रिपोर्ट के मुताबिक, रिलायंस जियो की अधिकतम 4G डाउनलोड स्पीड 33.3 Mbps रही है। यानी सऊदी अरब की 5G डाउनलोड स्पीड हमारे यहां की 4G स्पीड से 11 गुना से भी ज्यादा तेज है।
दक्षिण कोरिया में तेजी से प्रसार हो रहा
कई देशों में 5G नेटवर्क का प्रसार तेजी से हो रहा है, जिसमें दक्षिण कोरिया भी शामिल है। ये वर्तमान में गैर-स्टैंडअलोन मोड पर नेटवर्क की सर्विस प्रदान करता है, जिसे 4 जी नेटवर्क से समर्थन की आवश्यकता होती है। दक्षिण कोरिया में 5G नेटवर्क से जुड़े रहने के लिए यूजर्स ने 22.5 प्रतिशत ज्यादा खर्च किए हैं। पिछली रिपोर्ट में ये आंकड़ा 20.7 प्रतिशत था।
भारत में 5G स्पेक्ट्रम का खर्च
मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज द्वारा जारी रिपोर्ट में अनुमान जताया गया है कि A सर्कल और मेट्रो शहरों के लिए 78,800 करोड़ रुपए से लेकर 1.3 लाख करोड़ रुपए तक का खर्च आ सकता है। जबकि केवल मुंबई में 5G के लिए 10 हजार करोड़ रुपए के निवेश की आवश्यकता होगी।

दूसरी ओर ट्राई ने 100 मेगा हर्ट्ज मिड बैंड स्पेक्ट्रम के लिए 8400 करोड़ रुपए प्राइस रिजर्व किया है। रिपोर्ट के मुताबिक, 9 हजार साइट्स के लिए 20 लाख प्रति साइट की कीमत पर बढ़ गई, तो लागत 1800 करोड़ रुपए और बढ़ जाएगी। इससे कुल लागत को 10 हजार करोड़ रुपए हो जाएगी। इसी प्रकार दिल्ली में भी 5G रोलआउट के लिए 8,700 करोड़ रुपए की लागत अनुमानित है। जबकि सरकार ने 100 मेगा हर्ट्ज मिड बैंड स्पेक्ट्रम के लिए बेस प्राइस 6900 करोड़ रुपए रिजर्व किया है।
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