वैज्ञानिकों ने नाइसेरिया गोनोरोहिया बैक्टीरिया खत्म करने वाला ड्रॉप खोजा - ucnews.in

मंगलवार, 27 अक्टूबर 2020

वैज्ञानिकों ने नाइसेरिया गोनोरोहिया बैक्टीरिया खत्म करने वाला ड्रॉप खोजा

वैज्ञानिकों ने ऐसे आई ड्रॉप की खोज की है जो नवजातों में अंधेपन की समस्या को दूर कर सकता है। इसकी वजह नाइसेरिया गोनोरोहिया नाम का बैक्टीरिया है जिस पर दवाओं का असर नहीं हो रहा। यह बैक्टीरिया संक्रमित मां से नवजात में पहुंचता है और अंधेपन का कारण बनता है।

आई ड्रॉप को तैयार करने वाली ब्रिटेन की किंग्सटन यूनिवर्सिटी का दावा है कि इससे आंखों में बैक्टीरिया के संक्रमण को ठीक किया जा सकता है। यह दवा नवजातों की आंखों मे जलन भी नहीं करती।

मां से बच्चे में फैलता है यह बैक्टीरिया
वैज्ञानिकों का कहना है, नाइसेरिया गोनोरोहिया नाम का बैक्टीरिया सेक्सुअल ट्रांसमिशन के दौरान पिता से मां में पहुंचता है और मां से यह नवजात में आता है। इस बैक्टीरिया पर एंटीबायोटिक दवाएं दिन-प्रतिदिन बेअसर साबित हो रही हैं। इसका असर नवजातों की आंखों पर पड़ रहा है। अगर इसके संक्रमण का इलाज नहीं होता है तो नवजात की आंखों की रोशनी हमेशा के लिए जा सकती है।

एंटीमाइक्रोबियल एजेंट मोनोकाप्रिन सस्ता विकल्प
वैज्ञानिकों का कहना है, आई ड्रॉप में एंटी माइक्रोबियल एजेंट मोनोकाप्रिन का प्रयोग किया है। यह सस्ता विकल्प है और दुनिया के किसी भी हिस्से में उपलब्ध कराया जा सकता है।

नई दवा के खिलाफ प्रतिरोधक क्षमता विकसित करना मुश्किल
रिसर्चर डॉ. लोरी सिंडर के मुताबिक, कई तरह के बैक्टीरिया पर एंटीबायोटिक्स बेअसर साबित हो रहे हैं। इसलिए इन्हें खत्म करने के लिए नए विकल्प का ढूंढा जाना जरूरी है। इसीलिए हमने मोनोकाप्रिन का प्रयोग किया। बैक्टीरिया के लिए इस दवा के खिलाफ प्रतिरोधक क्षमता विकसित करना मुश्किल होगा।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
नवजात में नाइसेरिया गोनोरोहिया बैक्टीरिया मां से आता है। इस बैक्टीरिया पर एंटीबायोटिक दवाएं धीरे-धीरे बेअसर साबित हो रही हैं।


from Dainik Bhaskar
via

Share with your friends

Related Posts

Add your opinion
Disqus comments
Notification
This is just an example, you can fill it later with your own note.
Done