चार साल की उम्र में मां को खो चुके थे रजनीकांत, कभी घर चलाने के लिए कुली और बस कंडक्टर तक का काम किया - ucnews.in

शनिवार, 26 दिसंबर 2020

चार साल की उम्र में मां को खो चुके थे रजनीकांत, कभी घर चलाने के लिए कुली और बस कंडक्टर तक का काम किया

साउथ के सुपरस्टार रजनीकांत का स्वास्थ्य कुछ ठीक नहीं चल रहा है। 70 साल के रजनी ब्लड प्रेशर की शिकायत के बाद हैदराबाद के अस्पताल में भर्ती हैं। ऐसे में फैन्स उनकी जल्द सलामती की दुआ कर रहे हैं।

40 साल से फिल्म इंडस्ट्री में सक्रिय रजनीकांत की पॉपुलैरिटी किसी से छुपी नहीं है। 1975 में फिल्म 'कथा संगम' से डेब्यू करने वाले रजनी को फैन्स भगवान के समान पूजते हैं। आज हम आपको बताने जा रहे हैं उनकी पर्सनल और प्रोफेशनल लाइफ से जुड़ी कुछ इंटरेस्टिंग बातें...

चार साल की उम्र में चल बसी थीं मां

  • 12 दिसंबर 1950 को बेंगलुरु के एक मराठी परिवार में जन्मे रजनी बहुत संपन्न परिवार से नहीं थे। रजनी का असली नाम शिवाजी राव गायकवाड़ है। जीजाबाई और रामोजी राव की चार संतानों में शिवाजी सबसे छोटे थे। इनकी स्कूलिंग बेंगलुरु में हुई।
  • महज चार साल की उम्र में ही रजनीकांत ने अपनी मां को खो दिया था। घर की माली हालत बहुत अच्छी नहीं थी। इसलिए इन्होंने सब तरह के काम किए। रजनीकांत कुली से लेकर बस कंडक्टर जैसे काम कर चुके हैं। बस में अपने टिकट काटने के अनोखे अंदाज की वजह से ये बस ड्राइवर्स और कंडक्टर्स के बीच बहुत पॉपुलर हुआ करते थे।

दोस्त ने की एक्टर बनने में मदद

  • एक्टर बनने का सपना पूरा करने में रजनीकांत के दोस्त राज बहादुर में बहुत मदद की। इन्होंने ही रजनीकांत को मद्रास फिल्म इंस्टीट्यूट में दाखिला लेने के लिए के लिए मोटिवेट किया। रजनीकांत के लिए ऐसा कर पाना आसान नहीं था। तब ये और कुछ और दोस्त उनकी मदद के लिए आगे आए, जो उनकी ही तरह बस कंडक्टर थे। एक्टिंग सीखने के दौरान ही इन्होंने तमिल भी सीखी।
  • इसी बीच रजनीकांत की मुलाकात फिल्म डायरेक्टर के.बालचंद्र से हुई। इन्होंने ही रजनीकांत को फिल्म 'अपूर्वा रागनगाल' में मौका दिया। इसमें कमल हासन और श्रीविद्या भी थीं। हालांकि, इसमें इनका छोटा-सा नेगेटिव रोल था। इसके बाद इन्हें शुरुआती दो-तीन साल तक ऐसे में ही रोल मिले।
  • नेगेटिव कैरेक्टर प्ले करने के बाद रजनीकांत पहली बार अपनी विलेन की इमेज तोड़ते हुए फिल्म 'भुवन ओरु केल्विकुरी' में बतौर हीरो नजर आए थे। मुथुरमम और रजनीकांत की जोड़ी ऑडियंस को खूब पसंद आई और इन्होंने तकरीबन 25 फिल्मों में काम किया।

'डॉन' की रीमेक ने पलटी किस्मत

  • रजनीकांत की 'बिल्ला' बॉक्स ऑफिस पर बहुत सफल हुई थी, जो साल 1978 में आई अमिताभ बच्चन की हिट फिल्म 'डॉन' की रीमेक थी। वहीं, इन्हें पहली बार 'मुंदरू मूगम' के तमिलनाडु गवर्नमेंट ने साल 1982 में बेस्ट एक्टर का अवॉर्ड दिया था।
  • फिल्म 'बाशा' से रजनीकांत सुपरस्टार बने थे, जो साल 1995 में रिलीज हुई थी। इसने बॉक्स ऑफिस के कई रिकॉर्ड्स तोड़ दिए थे। वहीं, इन्होंने तमिल फिल्मों को इंटरनेशनल स्टेज तक पहुंचाया। इनकी 'मुथू' जापान में रिलीज होने वाली पहली तमिल फिल्म थी। इसके बाद साल 2017 में इनकी 'चंद्रमुखी' तुर्की और जर्मन में रिलीज हुई थी। 'शिवाजी' इनकी पहली फिल्म है जो यूके और साउथ अफ्रीका में बॉक्स ऑफिस पर टॉप पर थी।

10 सालों में कर डाली 100 फिल्में

  • रजनीकांत ने अपने फिल्मी करियर के महज 10 सालों में ही 100 फिल्में पूरी कर ली थी। इन्होंने अपनी 100वीं फिल्म 'श्री राघवेंद्र' में हिंदू संत राघवेंद्र स्वामी का कैरेक्टर प्ले किया था।
  • फिल्मों में आने से पहले रजनीकांत ने अभिनय की शुरुआत कन्नड़ नाटकों से की थी। इन्होंने दुर्योधन की भूमिका निभाई थी, जिससे ये बहुत पॉपुलर हुए थे।
  • रजनीकांत ने पहली बार तमिल फिल्मों में एनिमेशन इंट्रोड्यूस किया था। 'राजा चायना रोजा' पहली फिल्म थी, जिसमें एनिमेशन शामिल किया गया था।
  • रजनीकांत ने तमिल, हिंदी, मलयालम, कन्नड़ और तेलुगु के साथ एक बांग्ला फिल्म में भी काम किया है। इनकी पहली हिंदी फिल्म 'अंधा कानून' की थी। वहीं, बांग्ला फिल्म का नाम 'भाग्य देबता' था।


Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
Rajinikanth life's interesting facts


from Dainik Bhaskar
via

Share with your friends

Add your opinion
Disqus comments
Notification
This is just an example, you can fill it later with your own note.
Done