10 सितंबर को मंगल अपनी ही राशि में होगा वक्री; 14 साल बाद होगी ये ज्योतिषीय घटना, 4 राशियों को रहना होगा संभलकर - ucnews.in

सोमवार, 7 सितंबर 2020

10 सितंबर को मंगल अपनी ही राशि में होगा वक्री; 14 साल बाद होगी ये ज्योतिषीय घटना, 4 राशियों को रहना होगा संभलकर

10 सितंबर को मंगल अपनी राशि यानी मेष में वक्री हो जाएगा और 4 अक्टूबर तक इसी राशि में रहेगा। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. प्रवीण द्विवेदी का कहना है कि ऊर्जा, उत्साह, हिम्मत, और जोश बढ़ाने वाला ये ग्रह जब वक्री होगा तो मेष, कर्क, तुला और वृश्चिक राशि वाले लोगों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। इनके अलावा अन्य राशि वालों के लिए समय अच्छा रहेगा। मेष राशि में मंगल के वक्री होने से यानी इस ग्रह की चाल टेढ़ी होने से देश में दुर्घटनाएं, आगजनी, आतंक और तनाव फैलता है। इससे पहले 2 अक्टूबर 2005 को मंगल मेष राशि में वक्री हुआ था। जिसके कारण देश में रेल दुर्घटना और बम ब्लास्ट हुआ था।

14 साल पहले मेष राशि में वक्री हुआ था मंगल
हर 2 साल में मंगल वक्री होता है। इस बार 10 सितंबर को मंगल मेष राशि में वक्री होगा। इससे पहले ये ग्रह मेष राशि में 14 साल पहले यानी 2 अक्टूबर 2005 को वक्री हुआ था। पं. द्विवेदी का कहना है कि मंगल के कारण 29 अक्टूबर 2005 को ट्रेन दुर्घटना में करीब 77 लोगों की जान चली गई थी। इसी दिन दिल्ली में बम ब्लास्ट भी हुआ था। जिसमें करीब 60 लोग मारे गए थे। मंगल के वक्री रहते हुए देश की बड़ी हस्तियों का निधन भी हुआ था। उनमें लेखक अमृता प्रीतम, पूर्व राष्ट्रपति के.आर नारायणन और रामायण सीरियल बनाने वाले रामानंद सागर थे।

वक्री यानी ग्रह का बहुत ही धीमी गति से चलना
किसी भी ग्रह की चाल धीरे-धीरे कम होती है। जब वो ग्रह धीमी गति से चलता है और एक समय ऐसी स्थिति आ जाती है कि पृथ्वी से उस ग्रह को देखने पर लगता है कि वो पीछे की ओर चल रहा है। इस स्थिति को ही ग्रह का वक्री होना कहा जाता है। ज्योतिष में ग्रह की ऐसी स्थिति का भी विशेष फल बताया गया है।

मंगल से बढ़ती है ऊर्जा लेकिन विवाद भी होते हैं
मंगल के कारण उत्साह बढ़ने लगता है। इस ग्रह से शारीरिक ऊर्जा भी बढ़ती है। ज्योतिष में मंगल को ऊर्जा का कारक ग्रह कहा गया है। इस ग्रह के कारण ही इंसान में किसी भी काम को करने की इच्छा पैदा होती है। मंगल का असर हथियार, औजार, सेना, पुलिस और आग से जुड़ी जगहों पर होता है। इस ग्रह के अशुभ असर से गुस्सा बढ़ता है और विवाद होते हैं। इसलिए मंगल की चाल टेढ़ी होने से हर काम सोच-समझकर करना चाहिए। जल्दबाजी से बचना होगा। मंगल के अशुभ असर के कारण आम लोगों में गुस्सा और इच्छाएं बढ़ने लगती हैं। इच्छाएं पूरी नहीं होने पर लोग गलत कदम उठा लेते हैं। जिससे विवाद और दुर्घटनाएं होती हैं।

मेष, कर्क, तुला और वृश्चिक राशि वालों को रहना होगा सावधान
4 अक्टूबर तक मंगल मेष राशि में वक्री रहेगा। इस समय मेष, कर्क, तुला और वृश्चिक राशि वाले लोगों को सावधान रहना होगा। इन 4 राशि वालों के कामकाज में रुकावटें आ सकती है। कामकाज में विवाद और तनाव बढ़ सकता है। चोट या दुर्घटना की भी आशंका है। गुस्से के कारण बने बनाए काम भी बिगड़ सकते हैं। वहीं, वृष, मिथुन, सिंह, कन्या, धनु, मकर, कुंभ और मीन राशि वाले लोग इस ग्रह के अशुभ प्रभाव से बचे रहेंगे।

अशुभ असर से बचने के लिए पूजा-पाठ और दान
मंगल के अशुभ असर से बचने के लिए हनुमानजी की पूजा करनी चाहिए। लाल चंदन या सिंदूर का तिलक लगाना चाहिए। तांबे के बर्तन में गेहूं रखकर दान करने चाहिए। लाल कपड़ों का दान करें। मसूर की दाल का दान करें। शहद खाकर घर से निकलें।



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Mangal Vakri 10th September To 4th October 2020; Mars Transit | Effects of Planetary Position On Arise, Cancer, Libre and Scorpio


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