
देश में जितनी मौतें अब तक कोरोना से हुई हैं उससे ज्यादा रैबीज से हुई हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक, कुत्ते के काटने से होने वाली बीमारी रैबीज से पिछले 5 सालों में 1 लाख मौतें हुई हैं। यह आंकड़ा भारत का है। दुनियाभर में रैबीज से जितने लोगों ने जान गंवाई हैं उसकी 35 फीसदी मौतें भारत में हुई हैं।
मौतों का आंकड़ा बताता है कि लोगों को अलर्ट करने की जरूरत है कि रैबीज से कैसे बचें और इसके होने पर क्या दिक्कतें झेलनी पड़ती हैं।
आज वर्ल्ड रैबीज डे है। इसे फ्रेंच वैज्ञानिक लुइस पॉश्चर की डेथ एनिवर्सरी के मौके पर मनाया जाता है। लुइस ने ही रैबीज की वैक्सीन खोजी थी और हर साल लोगों को रैबीज के बारे में जागरुक करने के लिए इस दिन को मनाया जाता है।
कैसे फैलता है रैबीज
रैबीज का वायरस कुत्ते के काटने के बाद इंसान में पहुंच जाता है। संक्रमित होने के बाद मरीज में बुखार, सिरदर्द, उल्टी, मुंह से अधिक लार निकलने के लक्षण दिखाई देते हैं। रैबीज का वायरस सिर्फ कुत्तों के जरिए ही नहीं बिल्ली, बकरी, घोड़े और गाय से भी फैल सकता है।
रैबीज फैलने से कैसे रोकें
संक्रमण को रोकने के लिए अपने पालतु जानवरों को रैबीज की वैक्सीन लगवाएं। इसे दूसरे नुकसान पहुंचाने वाले जानवरों से दूर रखें। कई रिसर्च रिपोर्ट में यह सामने आया कि चमगादड़ दूसरे जानवर तक इसका वायरस को फैलाते हैं, इसलिए अपने पालतु जानवरों को चमगादड़ की पहुंच से दूर रखें।
कुत्ते के काटने पर क्या करें
- कुत्ते के काटने के बाद अगर उसका ओनर आसपास है तो पूछें कि क्या कुत्ते का वैक्सीनेशन हुआ है।
- ऐसी स्थिति में घबराएं नहीं बल्कि डॉक्टर तक पहुंचने की कोशिश करें।
- घाव को साबुन और पानी से साफ करें।
- घाव में टांके न लगवाएं और न ही उस पर एंटी-माइक्रोबियल लोशन लगाएं।
- एंटी-रैबीज सीरम तब ही लें जब कुत्ते ने रीढ़ की हड्डी या गर्दन पर काटा हो।
- कुत्ते के काटने के बाद 72 घंटे के अंदर वैक्सीन लगवाएं।
- अपने पालतू कुत्तों को वैक्सीन के इंजेक्शन जरूर लगवाएं।
क्या न करें
- कई लोग घाव वाले हिस्से पर गोबर लगाने की सलाह देते हैं, ऐसा बिल्कुल भी न करें।
- घाव होने के बाद लोग हफ्तेभर नहाने से बचते हैं, यह भ्रम न पालें।
- घाव वाले हिस्से पर हल्दी, नमक या घी न लगाएं। जल्द से जल्द डॉक्टर से मिलेें।
- रेबीज संक्रमित जानवर के काटने पर इलाज में देरी या लापरवाही न करें।
- कुत्तों और बंदरों जैसे जानवरों के सम्पर्क में ज्यादा न जाएं।
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