मछली पानी में रहती है, लेकिन उसकी दुर्गंध खत्म नहीं होती, इसी तरह जिस व्यक्ति का मन साफ नहीं है, उसकी बुराइयां नहाने से दूर नहीं होती हैं - ucnews.in

शुक्रवार, 18 सितंबर 2020

मछली पानी में रहती है, लेकिन उसकी दुर्गंध खत्म नहीं होती, इसी तरह जिस व्यक्ति का मन साफ नहीं है, उसकी बुराइयां नहाने से दूर नहीं होती हैं

संत कबीर ने कई ऐसे दोहों की रचना की थी, जिनमें सुखी जीवन के सूत्र बताए गए हैं। कबीरदास का जन्म करीब 622 साल पहले हुआ था। मान्यता है काशी के पास स्थित लहरतारा के तालाब के पास निरू और नीमा नाम के मुस्लिम दंपत्ति को एक शिशु मिला था। वे दोनों छोटे बच्चे को अपने घर ले आए। यही शिशु आगे चलकर कबीरदास के नाम से प्रसिद्ध हुआ।

कबीरदास कबीर चौरा में प्रवचन देते थे और चरखा चलाते थे। लहरतारा में उनका जन्म हुआ, काशी में उनका जीवन व्यतीत हुआ और मगहर में उन्होंने जीवन के अंतिम दिन व्यतीत किए थे। ये तीनों जगहें कबीरदास से जुड़ी रहीं।

जानिए कबीरदास के कुछ खास दोहे...



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Kabirdas ke dohe, kabir ke dohe, life management tips by kabir das, we should remember these tips for happy life


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