गंगा जल में होती है बीमारी वाले बैक्टीरिया को मारने की ताकत, हिमालय से आने पर इसमें आ जाते हैं औषधीय गुण - ucnews.in

मंगलवार, 22 सितंबर 2020

गंगा जल में होती है बीमारी वाले बैक्टीरिया को मारने की ताकत, हिमालय से आने पर इसमें आ जाते हैं औषधीय गुण

हिंदू धर्म में गंगा नदी को देवी के रूप में बताया है। बहुत से तीर्थ स्थान गंगा नदी के किनारे पर बसे हैं। जिनमें वाराणसी और हरिद्वार खास हैं। गंगा नदी को भारत की पवित्र नदियों में सबसे पवित्र माना जाता है। साथ ही ये मान्यता भी है कि गंगा में नहाने से इंसान के पाप खत्म हो जाते हैं। मरने के बाद लोग गंगा में अस्थि विसर्जित करना जरूरी समझते हैं। माना जाता है ऐसा करने से मोक्ष मिलता है। इसलिए धार्मिक और मांगलिक कामों में गंगाजल का उपयोग खासतौर से किया जाता है। माना जाता है कि गंगाजल से पीने और छिड़कने से पवित्र हो जाते हैं। गंगा जल को पवित्र मानने के पीछे धार्मिक कारणों के साथ साथ कई वैज्ञानिक तथ्य भी हैं।

गंगा का पौराणिक महत्त्व
गंगा नदी के से जुड़ी कई पौराणिक कथाएं हैं। कुछ पुराणों ने गंगा को मंदाकिनी के रूप में स्वर्ग में, गंगा के रूप में धरती पर और भोगवती के रूप में पाताल में बहने वाली नदी बताया है। विष्णु पुराण के मुताबिक गंगा भगवान विष्णु के बाएं पैर के अंगूठे के नाखून से निकली है। कुछ पुराणों में बताया है कि शिवजी ने अपनी जटा से गंगा को सात धाराओं में बदल दिया जिनमें तीन नलिनी, ह्लदिनी एवं पावनी पूर्व की ओर, तीन यानी सीता, चक्षुस एवं सिन्धु पश्चिम की ओर बहती है। वहीं सातवीं धारा भागीरथी बनी। कूर्म पुराण का कहना है कि गंगा नदी सबसे पहले सीता, अलकनंदा, सुचक्ष और भद्रा नाम चार धाराओं में बहती है। अलकनंदा दक्षिण की ओर बहती है और सप्तमुखों में होकर समुद्र में गिरती है।

ये हैं गंगा जल से जुड़े वैज्ञानिक तथ्य

  1. लखनऊ के नेशनल बॉटनिकल रिसर्च इंस्टीट्यूट (एनबीआरआई) ने जांच में पाया है कि गंगा जल में बीमारी पैदा करने वाले ई कोलाई बैक्टीरिया को मारने की क्षमता है।
  2. वैज्ञानिकों का कहना है कि गंगा का पानी जब हिमालय से आता है तो कई तरह के खनिज और जड़ी -बूटियों का असर इस पर होता है। इससे इसमें औषधीय गुण रहते हैं।
  3. गंगा जल में वातावरण से ऑक्सीजन सोखने की अद्भुत क्षमता है। गंगा के पानी में प्रचुर मात्रा में गंधक भी होता है, इसलिए यह लंबे सम य तक खराब नहीं होता।
  4. वैज्ञानिक परीक्षणों से पता चला है कि गंगाजल से स्नान करने तथा गंगाजल को पीने से हैजा, प्लेग और मलेरिया आदि रोगों के कीटाणु नष्ट हो जाते हैं।


Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
Ganga water has the power to kill the disease-causing bacteria, it comes in medicinal properties when it comes from the Himalayas


from Dainik Bhaskar
via

Share with your friends

Related Posts

Add your opinion
Disqus comments
Notification
This is just an example, you can fill it later with your own note.
Done