
किसी भी काम में सफलता तभी मिलती है, जब काम पूरी एकाग्रता के साथ किया जाए। अगर काम करते समय मन इधर-उधर भटकता है तो काम बिगड़ सकता है, असफल हो सकता है या काम पूरा होने में देरी सकती है। जब हम अपने काम को बोझ मान लेते हैं तो परेशानियां बढ़ने लगती है। ऐसे काम में मन भी नहीं लगता है।
अपने काम से करना चाहिए प्रेम
हमें अपने काम से प्रेम करना चाहिए, तभी हम पूरी एकाग्रता के साथ काम कर पाएंगे। जो लोग काम को मजबूरी या बोझ मानते हैं, वे पूरा मन लगाकर काम नहीं कर पाते हैं। ऐसे काम में न तो सफलता मिलती है और ना ही मान-सम्मान मिलता है।
पूरा ध्यान एक जगह लगाने से बढ़ती है एकाग्रता
आध्यात्मिक गुरु ओशो ने साधना सूत्र में एकाग्रता का महत्व बताया है। ओशो के अनुसार छोटे बच्चों को तितली के साथ दौड़ने में सुख मिलता है। व्यक्ति जब प्रेम होता है तो उसे साथी के साथ आनंद मिलता है। पहली स्थिति में बच्चे का मन पूरी तरह तितली पर लगा हुआ, बच्चे को उस पल किसी और चीज का ध्यान ही नहीं रहता है। क्योंकि, उसका मन तितली के लिए एकाग्र हो जाता है। इसी तरह प्रेम में व्यक्ति का मन अपने साथी पर टिका रहता है। उसे किसी और बात का ध्यान नहीं रहता है।
बच्चे को तितली के पीछे दौड़ने पर जो सुख मिला था, वही एकाग्रता थी। उसके लिए सिर्फ तितली ही रह गई थी, वह सारी दुनिया भूल चुका था। बच्चे के मन के सारे विचार खत्म हो गए थे, क्योंकि उसे तितली पकड़नी थी, उसके मन में सिर्फ इतना ही विचार था।
जब सारे विचार खत्म होते हैं और पूरा ध्यान लक्ष्य पर टिक जाता है, तब ही मन एकाग्र हो पाता है। ऐसे काम में ही आनंद मिलता है। काम पूरा होता है, सफलता के साथ सुख भी मिलता है।
एकाग्रता बढ़ाने के लिए ध्यान भी करें
मन को शांत करने और एक जगह टिकाए रखने के लिए रोज ध्यान करना चाहिए। ध्यान से मानसिक तनाव कम होता है, मन को ऊर्जा मिलती है। नकारात्मक विचार खत्म होते हैं। सकारात्मकता और शांत मन के साथ काम करेंगे तो एकाग्रता जरूर बढ़ती है।
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