राहु-केतु के कारण कामकाज के तरीके और जिम्मेदारियों में होता है बदलाव, जॉब और बिजनेस में नपा-तुला जोखिम ही लें - ucnews.in

शुक्रवार, 16 अक्टूबर 2020

राहु-केतु के कारण कामकाज के तरीके और जिम्मेदारियों में होता है बदलाव, जॉब और बिजनेस में नपा-तुला जोखिम ही लें

22 सितंबर को राहु-केतु के राशि बदलने से अब लोगों के बिजनेस में सकारात्मक बदलाव और अच्छी स्थितियां बनने लगी हैं। इन ग्रहों के कारण होने वाले बदलाव भी बड़े और महत्वपूर्ण होते हैं। इन ग्रहों का असर आने वाले करीब 12 महीनों तक रहेगा। राहु के कारण कई लोगों की सेहत में भी सुधार होने लगा है। इन दोनों ग्रहों की स्थिति सभी राशियों की ओर संकेत कर रही है कि रोजमर्रा के कामों में नपा-तुला जोखिम लेकर ही आगे बढ़ें। राहु-केतु के प्रभाव से जॉब और बिजनेस में नई योजनाएं बनेंगी और उन पर काम शुरू होगा। ऊर्जा बढ़ेगी और पूरी ताकत से कामकाज निपटाने की कोशिश करेंगे तो उसका फायदा भी मिलेगा।

राहु-केतु : स्थान परिवर्तन और धन लाभ
राहु-केतु साल में एक बार राशि बदलते हैं। इन दोनों ग्रहों के कारण स्थान परिवर्तन और धन लाभ भी होता है। राहु के शुभ प्रभाव से बुद्धि तेज होती है, लेकिन अशुभ प्रभाव से कंफ्यूजन भी पैदा होता है। बुद्धि से खेलना यानी योजनाएं और कूटनीति बनाने का काम भी राहु के कारण होता है। ये ग्रह राजनीति भी करवाता है। देश की सीमाओं पर भी राहु का प्रभाव होता है। इसलिए देश की सीमाओं से जुड़े बदलाव भी इस ग्रह की वजह से होते हैं।
केतु के कारण हिम्मत वाले काम होते हैं। केतु की वजह से ही घर-परिवार में अधिकारों और संपत्ति को लेकर संघर्ष की स्थिति भी बन सकती है।

वृष राशि में राहु: कामकाज में अचानक बदलाव
वृष राशि में राहु के आने से अचानक कामकाज के तरीकों में बदलाव होता है। कामकाज की जगह में बदलाव होता है। इसलिए रोजमर्रा में अचानक बदलाव का मन बनाकर कोई भी काम करना चाहिए। राहु के प्रभाव से कूटनीति से भी फायदा मिलता है। कूटनीति यानी सोच-समझकर ऐसी योजना बनाकर काम करना जिससे खुद नुकसान से बच जाएं लेकिन दूसरों का भी नुकसान न हो।

राहु के कारण राजनीति से जुड़े लोगों के जीवन में बड़े बदलाव जरूर होते हैं। इस क्षेत्र से जुड़े लोग किसी षडयंत्र का भी शिकार हो सकते हैं। इसलिए ऐसे लोगों को संभलकर रहना होगा। राहु की वजह से सभी राशि वालों के खानपान में बदलाव होगा। जिससे कुछ लोगों को पेट संबंधी बीमारियों से राहत मिल सकती है वहीं कुछ लोगों की मुश्किलें भी बढ़ सकती हैं।

वृश्चिक राशि में केतु: जोखिम भरे फैसले
वृश्चिक राशि में केतु का बदलाव कई मायनों में महत्वपूर्ण है। वृश्चिक राशि जो कि मंगल की राशि है, इसमें केतु का आने का मतलब है, साहस, कूटनीति और शक्ति का बढ़ना। केतु के कारण कई लोग बिजनेस, लेन-देन और निवेश में जोखिम भरे फैसले कर सकते हैं। नौकरीपेशा लोगों का कामकाज बढ़ सकता है। मेहनत भी ज्यादा करनी पड़ेगी।

इस ग्रह के कारण कुछ खास कामों में नाटकीय बदलाव भी हो सकते हैं। केतु के असर से अचानक कुछ लोगों के कामकाज की गति तेज हो सकती है। वहीं, चलते हुए कुछ काम अचानक रुक भी सकते हैं। केतु की वजह से उग्रता बढ़ सकती है।



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