धनतेरस गुरुवार को, 95 साल बाद गुरु ग्रह इस पर्व पर खुद की राशि में रहेगा, शाम को शुरू होगी त्रयोदशी तिथि - ucnews.in

गुरुवार, 12 नवंबर 2020

धनतेरस गुरुवार को, 95 साल बाद गुरु ग्रह इस पर्व पर खुद की राशि में रहेगा, शाम को शुरू होगी त्रयोदशी तिथि

इस बार गुरुवार, 12 नवंबर से दीपोत्सव शुरू हो रहा है। गुरुवार की सुबह द्वादशी तिथि रहेगी, लेकिन शाम को त्रयोदशी तिथि शुरू हो जाएगी, जो कि अगले दिन भी रहेगी। इस वजह से धनतेरस को लेकर पंचांग भेद भी है। कुछ पंचांग में 12 को और कुछ में 13 नवंबर को धनतेरस बताई गई है। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के अनुसार इस बार गुरुवार की रात में त्रयोदशी तिथि होने से इस पर्व का महत्व बढ़ गया है।

गुरुवार का कारक ग्रह गुरु है। ज्योतिष में ये धन और धर्म-कर्म का स्वामी माना गया है। इस समय गुरु का अपनी स्वयं की राशि धनु में है और गुरुवार को ही धनतेरस का पर्व मनाया जा रहा है। इस साल से 95 साल पहले धनतेरस पर गुरु अपनी स्वयं की राशि में था और धनतेरस पर्व मनाया गया। उस समय 15 अक्टूबर 1925 में धनतेरस मनाई गई थी।

लक्ष्मी के साथ ही धनवंतरि और यमराज की पूजा का पर्व

पं. शर्मा के अनुसार पुराने समय में देवताओं और दानवों ने मिलकर समुद्र मंथन किया था। इस मंथन में कार्तिक मास की त्रयोदशी तिथि पर भगवान धनवंतरि हाथ में अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे। धनवंतरि आयुर्वेद के देवता हैं। इस तिथि पर यमराज के लिए दीपक जलाने की परंपरा है। धनतेरस की शाम एक दीपक दक्षिण दिशा में यमराज के लिए भी जलाना चाहिए।

धनतेरस पर कलश खरीदने की है परंपरा

इस तिथि पर सोने-चांदी के आभूषण, नए बर्तन के साथ की घर के जरूरी बड़ी चीजें खरीदने की परंपरा है। इस तिथि पर भगवान धनवंतरि कलश लेकर प्रकट हुए थे। इसी वजह से धनतेरस पर कलश या अन्य कोई बर्तन खऱीदने की परंपरा प्रचलित है।

ये चीजें भी खरीद सकते हैं धनतेरस पर

लक्ष्मी पूजा में रखने के लिए चांदी के सिक्के, लक्ष्मीजी के चरण चिह्न, श्रीयंत्र आदि शुभ चीजें भी खरीद सकते हैं। देवी-देवताओं की मूर्तियां भी खरीदी जा सकती हैं। मान्यता है कि इस दिन खरीदी गई चीजें घर के लिए सौभाग्यशाली सिद्ध होती हैं और लंबे समय तक खराब नहीं होती हैं। इसी वजह से इस दिन खरीदारी करने का विशेष महत्व हैं।

जरूरतमंद लोगों को दान जरूर करें

इस तिथि पर जरूरतमंद लोगों को दान-पुण्य अवश्य करें। शास्त्रों की मान्यता है कि लक्ष्मी पूजा के साथ ही दान करने पर अक्षय पुण्य प्राप्त होता है। मन शांत रहता है और दूसरों की मदद करने की भावना बढ़ती है।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
Dhanteras on Thursday, 12 november, durlabh yoga on dhanteras, goddess laxmi puja, dhanvantari jayanti 2020, yam puja on dhanteras


from Dainik Bhaskar
via

Share with your friends

Related Posts

Add your opinion
Disqus comments
Notification
This is just an example, you can fill it later with your own note.
Done