
महात्मा बुद्ध ने स्वास्थ्य को ही सबसे बड़ी संपत्ति बताया है। उन्होंने अपने प्रवचनों में कहा है कि परिवार में प्रसन्नता लाने के लिए, मन की शांति पाने के लिए, सबसे पहले स्वयं को अनुशासित करना चाहिए। मन को नियंत्रित करना चाहिए। मन नियंत्रित होने के बाद ही आत्मज्ञान का मार्ग मिल सकता है। सभी ज्ञान और गुण तभी हमारे पास आएंगे जब हमारा शरीर स्वस्थ रहेगा।
अगर शरीर ही स्वस्थ नहीं है तो किसी भी चीज का कोई मूल्य नहीं है। जानिए स्वास्थ्य से जुड़े कुछ प्रेरक विचार...




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