
देशभर सहित उत्तरी गोलार्द्ध में सोमवार साल 2020 का सबसे छोटा दिन रहा। 21 दिसम्बर 2018 साल का वो दिन रहा जब सूर्य और पृथ्वी दोनों की स्थिति के तहत सूर्य दक्षिणी गोलार्द्ध से मकर रेखा पर लंबवत था। इससे उत्तरी गोलार्द्ध में रविवार की रात सबसे लम्बी थी और सोमवार साल का सबसे छोटा दिन हुआ। ऐसे में सोमवार को देश की राजधानी में दिन करीब 10 घंटे 20 मिनट का रहा। आसान भाषा में समझें तो सोमवार को सूर्य पृथ्वी से सबसे ज्यादा दूरी पर था। 21 दिसंबर की शाम बृहस्पति और शनि का कंजक्शन भी हुआ। अब अगला कंजक्शन 2021 में शुक्र और मंगल का होगा।
अगली भगोलीय घटनाएं
5 अप्रैल, 2022 को मंगल और शनि, 30 अप्रैल, 2022 को बृहस्पति-शुक्र और मंगल-बृहस्पति का संयोग 29 मई 2022 को होगा। 10 जून और 4 दिसंबर, 2021 को सूर्य ग्रहण होगा। ये दोनों भारत में दिखाई नहीं देंगे। बहरहाल, मई और नवंबर 2021 में होने वाले दो चंद्र ग्रहण भारत के कुछ हिस्सों में दिखाई देंगे।
ग्रेट कंजेक्शन अब 60 साल बाद
21 दिसंबर को शनि और बृहस्पति का ग्रेट कंजेक्शन हुआ। इस दौरान इन ग्रहों के बीच करीब 0.1 डिग्री की दूरी थी। इससे पहले बृहस्पति और शनि 16 जुलाई 1623 को इतने ही पास थे। अगली बार 60 साल बाद यानी 2080 में इन दोनों ग्रहों का ग्रेट कंजेक्शन देखने को मिलेगा। ये सिर्फ एक खगोलीय घटना है। साथ ही धरती पर इसका कोई असर नहीं पड़ेगा।
21 जून और 21 दिसंबर दोनों दिन खगोलीय घटना
21 जून इस साल का सबसे बड़ा दिन था। इस दिन सूर्यग्रहण भी था। जो कि भारत में दिखाई दिया था। अब 21 दिसंबर को जब साल का सबसे छोटा था। तब एक और खगोलीय घटना हुई। इस दिन शनि और बृहस्पति के बीच करीब 1 डिग्री का ही अंतर रह गया। जिससे ये दोनों ग्रह बहुत पास आ गए। अब ऐसेी घटना कई सालों बाद होगी।
सबसे बड़ा दिन 21 जून को था, 7 घंटे तक का फर्क
भारत में 2020 का सबसे बड़ा दिन 21 जून था। इस दिन सूर्य उत्तरी गोलार्द्ध से कर्क रेखा पर होता है। ऐसे में 21 जून को भारत में करीब 15 घंटे 50 मिनट का सबसे बड़ा दिन था। इसके बाद से दिन धीरे-धीरे छोटे होने लगे। 21 दिसंबर को सबसे छोटा दिन था। इस दिन सूर्य मकर रेखा पर था। अब दिन बड़े होने लगेंगे। इसके बाद 21 मार्च को सूर्य विषुवत रेखा पर रहेगा। इस तारीख को दिन और रात बराबर रहेंगे।
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