नए साल में भारी पड़ेगा इन 8 कंपनियों की कार खरीदना; रेनो 28 हजार तो फोर्ड 35 हजार तक बढ़ाएगी कारों की कीमत - ucnews.in

मंगलवार, 22 दिसंबर 2020

नए साल में भारी पड़ेगा इन 8 कंपनियों की कार खरीदना; रेनो 28 हजार तो फोर्ड 35 हजार तक बढ़ाएगी कारों की कीमत

साल 2020 ऑटो इंडस्ट्री के लिए किसी बुरे सपने से कम नहीं था। अप्रैल में कंपनियों की बोनी तक नहीं हुई। समय बीता गया और सेक्टर में फिर रफ्तार पकड़ी और तेजी से रिकवरी की ओर बढ़ा। सेल्स आंकड़े बढ़ाने के लिए लगभग सभी कंपनियों में लुभावने ऑफर भी पेश किए। लेकिन नए साल में कार खरीदना महंगा साबित होगा, क्योंकि लगभग सभी बड़ी कंपनियों ने कारों की कीमत में बढ़ोतरी करने का ऐलान कर दिया है, हालांकि कीमतें कितनी बढ़ाई जाएंगी इस पर अभी भी रहस्य बना हुआ है। किन कंपनियों की कारें महंगी होंगी, नीचे देखें लिस्ट...

1. मारुति सुजुकी की कारें जनवरी से महंगी होंगी

  • कार मार्केट की लीडर कंपनी मारुति सुजुकी जनवरी से अपनी गाड़ियों की कीमत बढ़ा देगी। इसकी वजह रॉ मटेरियल की कीमतें बढ़ना है। ये कीमतें पिछले एक साल से लगातार बढ़ रही हैं। इससे कार बनाने में आने वाली लागत भी बढ़ गई है।
  • कंपनी का कहना है कि इनपुट लागत बढ़ने से कारों की कीमतें बढ़ाना पड़ रही है। शेयर बाजारों को दी गई जानकारी में कंपनी ने कहा कि अब समय आ गया है कि कुछ लागत ग्राहकों को भी वहन करना होगा। कंपनी ने कहा कि हर मॉडल पर अलग-अलग कीमतें बढ़ेंगी।

पोर्टफोलियो में एंट्री लेवल से प्रीमियम सेडान तक शामिल

  • फिलहाल मारुति सुजुकी एंट्री लेवल की छोटी कार, जैसे अल्टो से लेकर सियाज जैसी बड़ी कारें तक बेचती है। इनकी कीमत 3 लाख से 12 लाख रुपए के बीच होती है। कंपनी का यह फैसला ऐसे समय में आया है, जब कार कंपनियां कोविड-19 के बाद रिकवरी कर रही हैं।
  • नवंबर में इसके घरेलू कारों की बिक्री में 2.4% की कमी आई थी। कुल 1.35 लाख कारें इसने बेची थीं। एक साल पहले इसी अवधि में इसने 1.39 लाख कारें बेची थीं।

2. महिंद्रा एंड महिंद्रा ने किया ऐलान; जनवरी से महंगी होने जा रही है गाड़ियां

  • महिंद्रा एंड महिंद्रा जनवरी से पैसेंजर और यात्री दोनों सेगमेंट के वाहनों की कीमतों में इजाफा करने का ऐलान कर दिया है। इसकी जानकारी कंपनी ने एक्सचेंज में फाइलिंग के जरिए दी है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार नई कीमतें आगामी 1 जनवरी से लागू होंगी। कंपनी का कहना है कि वाहनों के निर्माण में इनपुट कॉस्ट बढ़ने और कमोडिटी कीमतों में तेजी के कारण वाहनों की कीमत में बढ़ोतरी की जा रही है।
  • हालांकि अभी इस बारे में कंपनी ने कोई सफाई नहीं दी है कि वाहनों की कीमतों में कितनी बढ़ोतरी की जाएगी। कंपनी जल्द ही इसकी आधिकारिक घोषणा कर सकती है। हाल ही में कंपनी ने घरेलू बाजार में अपनी मशहूर एसयूवी महिंद्रा थार के नेक्स्ट जेनरेशन मॉडल को लॉन्च किया था। जिसे ग्राहकों का बेहतरीन रिस्पॉन्स मिला है।

टैक्टर की पूरी रेंज भी महंगी होगी
महिंद्रा एंड महिंद्रा के फार्म इक्विपमेंट सेक्टर ने घोषणा की कि 1 जनवरी, 2021 से कंपनी अपने ट्रैक्टरों की रेंज की कीमत में वृद्धि करेगी, जोकि सभी मॉडलों के लिए लागू होगी। कमोडिटी की कीमतों में बढ़ोतरी के कारण ऐसा किया गया है। सभी मॉडलों में कीमत में बढ़ोतरी की डिटेल जानकारी आगे दी जाएगी।

3. होंडा ने भी लिया कीमतें बढ़ाने का फैसला

  • जापानी कार निर्माता कंपनी होंडा कार्स की भारतीय सब्सिडियरी होंडा कार्स इंडिया लिमिटेड (HCIL) ने भी जनवरी से अपने सभी मॉडल की कीमतों में बढ़ोतरी करने की योजना बनाई है। इस संबंध में कंपनी ने सभी डीलर्स को जानकारी दे दी है। हालांकि, कीमत में कितनी बढ़ोतरी की जाएगी, फिलहाल इस बारे में कोई सफाई नहीं दी है।
  • कंपनी के एक डीलर ने जनवरी से कीमतों में बढ़ोतरी की पुष्टि की है। डीलर का कहना है कि इनपुट कॉस्ट के दबाव और करेंसी के प्रभाव के कारण कंपनी कीमतों में बढ़ोतरी कर रही है। कंपनी के प्रवक्ता ने भी ज्यादा जानकारी देने से इनकार करते हुए कीमतों में बढ़ोतरी की पुष्टि की है।
  • HCIL मौजूदा समय में देश में कॉम्पैक्ट सेडान होंडा अमेज से लेकर होंडा एसयूवी CR-V कारों की बिक्री करती है। होंडा की एंट्री लेवल कार अमेज की कीमत 6.17 लाख रुपए से शुरू होती है। एंट्री लेवल प्रीमियम एसयूवी CR-V की शुरुआती कीमत 28.71 लाख रुपए है।

4. रेनो इंडिया 28 हजार रुपए तक बढ़ाएगी कीमतें

कार निर्माता रेनो इंडिया ने अगले महीने से अपने सभी मॉडलों की कीमतों में 28,000 रुपए तक बढ़ोतरी करने की घोषणा की है। कंपनी भारतीय बाजार में क्विड, डस्टर और ट्राइबर मॉडलों की बिक्री करती है। रेनो इंडिया ने शुक्रवार को बयान में कहा कि प्रोडक्शन लागत बढ़ने से उसे यह कदम उठाना पड़ रहा है।

5. किआ मोटर्स बढ़ाएगी सिर्फ सोनेट-सेल्टोस की कीमत

  • किआ मोटर्स इंडिया ने घरेलू बाजार में अपने पहले साल में रिकॉर्ड ऑपरेशनल प्रॉफिट दर्ज किया है और इसे सफलता में कंपनी की दो एसयूवी - सेल्टोस और सोनेट काफी बड़ा रोल रहा। यह काफी आम बात है कि ऑटोमोबाइल निर्माता किसी भी कैलेंडर वर्ष की शुरुआत में कई कारणों का हवाला देते हुए अपने वाहनों की कीमतों में बढ़ोतरी करते हैं और 2021 में भी कुछ ऐसा ही देखने को मिलेगा।
  • किआ मोटर्स अपनी दोनों एसयूवी सेल्टोस और सोनेट की कीमतें बढ़ाने वाली है जबकि प्रीमियम, प्रेस्टीज और लिमोजिन जैसे तीन वैरिएंट में बेची जा रही किआ कार्निवल एमपीवी की कीमत में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा। सात, आठ और नौ सीटर कॉन्फिग्रेशन में बिकने वाली कार्निवल प्रीमियम एमपीवी की कीमत 24.95 लाख रुपए से 33.95 लाख रुपए (एक्स-शोरूम) तक है।

पिछले साल भी कंपनी ने सेल्टोस की कीमत बढ़ाई थी

  • दक्षिण कोरियाई निर्माता ने अगस्त 2019 में सबसे पहले सेल्टोस को लॉन्च किया गया था और इसे जनवरी 2020 में पहले ही इसे कीमतों में बढ़ोतरी की गई।
  • HTE टेक लाइन पेट्रोल में 20 हजार रुपए की वृद्धि देखी गई, जबकि अन्य टेक लाइन वैरिएंट की कीमतों में 30 हजार रुपए तक की वृद्धि की गई थी।
  • टेक लाइन के डीजल वैरिएंट में 35 हजार रुपए की बढ़ोतरी देखी गई जो GTX+ ऑटो के समान थी।

6. फोर्ड की सभी कारें एक जनवरी 35 हजार रु. तक महंगी होंगी

  • फोर्ड इंडिया की सभी कारें एक जनवरी से महंगी हो जाएंगी। कंपनी ने अपनी कारों के कीमत बढ़ाने का ऐलान कर दिया है। इनकी कीमतों में 3 फीसदी तक इजाफा होगा। बढ़ती इनपुट कॉस्‍ट को देखते हुए कंपनी ने यह फैसला किया है।
  • फोर्ड इंडिया के एग्जीक्यूटिव डायरेक्‍टर (मार्केटिंग सेल्‍स एंड सर्विस) विनय रैना ने कहा कि कीमतों में बढ़ोतरी 1 फीसदी से 3 फीसदी की रेंज में होगी। इस तरह दाम करीब 5,000 रुपए से लेकर 35,000 रुपए तक बढ़ जाएंगे। यह अलग-अलग मॉडलों पर निर्भर करेगा। उन्‍होंने बताया कि कच्चे माल की बढ़ती कीमतों के चलते दाम बढ़ाना जरूरी हो गया था।

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7. बीएमडब्ल्यू 4 जनवरी से लागू करेगी नई कीमतें

  • बीएमडब्ल्यू ग्रुप इंडिया ने घोषणा की कि एक अभूतपूर्व वर्ष में, बीएमडब्ल्यू ग्रुप इंडिया को अपने ग्राहकों को बेस्ट-इन-क्लास प्रोडक्ट और सर्विसेस प्रदान करने पर ध्यान केंद्रित किया गया है। 4 जनवरी 2021 से कंपनी बीएमडब्ल्यू और मिनी पोर्टफोलियो के लिए नए कीमतें पेश करेगी। बढ़ती इनपुट कॉस्ट के कारण कीमतों में 2 फीसदी की मामूली वृद्धि की जाएगी।
  • भारत में स्थानीय रूप से निर्मित कारों की रेंज में बीएमडब्ल्यू 2 सीरीज ग्रैन कूप, बीएमडब्ल्यू 3 सीरीज, बीएमडब्ल्यू 3 सीरीज ग्रैन टूरिस्मो, बीएमडब्ल्यू 5 सीरीज, बीएमडब्ल्यू 6 सीरीज ग्रैन टूरिस्मो, बीएमडब्ल्यू 7 सीरीज, बीएमडब्ल्यू एक्स 1, बीएमडब्ल्यू एक्स 3, बीएमडब्ल्यू एक्स 4, बीएमडब्ल्यू X5, बीएमडब्ल्यू X7 और मिनी कंट्रीमैन शामिल हैं।

8. इसुजु 10 हजार रु. तक बढ़ाएगी कमर्शियल पिकअप रेंज की कीमत

इसुजु मोटर्स इंडिया ने 01 जनवरी 2021 से अपनी कमर्शियल पिकअप रेंज - डी-मैक्स रेगुलर कैब और डी-मैक्स एस-कैब की कीमतों में वृद्धि करने की घोषणा कर दी है। वृद्धि वर्तमान एक्स-शोरूम कीमत से लगभग 10,000 रुपए अधिक से होने की उम्मीद है। कंपनी का कहना है कि बढ़ती कीमत इनपुट और डिस्ट्रीब्यूशन कॉस्ट के कारण वृद्धि की जा रही है। कंपनी का कहना है कि ग्राहक अधिक जानकारी के लिए अपनी नजदीकी इसुजु अथॉराइज्ड सेल्स आउटलेट में संपर्क कर सकते हैं।

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कच्चे माल की कीमतों में छह महीने में 20-30% तक बढ़ी

  • बीते कुछ महीनों में वाहनों की बिक्री के रफ्तार पकड़ने से देश की ऑटो इंडस्ट्री की तस्वीर भी सुधर गई है। ज्यादातर इकाइयां पूरी रफ्तार से काम कर रही हैं। श्रमिक वापस आ चुके हैं। अब ऑटो इंडस्ट्री की मुख्य समस्या है कच्चे माल का महंगा होना है।
  • उद्यमियों के मुताबिक, मई से ही वाहन कंपनियों ने प्रोडक्शन शुरू कर दिया। इससे एंसिलरी यूनिट्स को काम मिलने लगा था। नवंबर तक 95 से 98 फीसदी उद्योग शुरू हो चुके हैं। महाराष्ट्र सरकार के उद्योग विभाग की एक रिपोर्ट के अनुसार, राज्य में 66 हजार 814 या 98 फीसदी उद्योगों ने काम करना शुरू कर दिया है। त्योहारी सीजन के समय अक्टूबर और नवंबर में ऑटो एंसिलरी यूनिट्स ने 100 फीसदी क्षमता से उत्पादन किया। उससे पहले 60-70 प्रतिशत क्षमता से काम चल रहा था। दिसंबर में फिर से उत्पादन 80 फीसदी हो गया है।
  • पिछले छह महीने के दौरान 16 लाख से अधिक मजदूर महाराष्ट्र लौटे हैं। इससे मजदूरों का संकट दूर हो गया है। पर अब इन उद्योगों पर कच्चे माल के बढ़े हुए दाम का संकट मंडरा रहा है। मराठवाडा एसोसिएशन ऑफ स्मॉल स्केल इंडस्ट्रीज एंड एग्रीकल्चर (मसिआ) के अध्यक्ष अभय हंचनाल ने दैनिक भास्कर से बातचीत में कहा कि ट्रांसपोर्ट में समस्या, रॉ मैटेरियल सप्लायर के पास मजदूरों की कमी और आयात करने में आ रही दिक्कतों के चलते पिछले छह महीने में कच्चे माल की कीमतों में 20 से 30 फीसदी तक इजाफा हुआ है। लेकिन एंसिलरी यूनिट अपने रेट नहीं बढ़ा पा रही हैं। इससे मार्जिन कम हो रहा है। हंचनाल ने कहा, एंसिलरी यूनिट्स के बड़े उद्योगों से 3-4 वर्षों के लिए रेट तय होते हैं। इसके अलावा बीच में रेट बढ़ाना ठीक नहीं लगता, क्योंकि इससे संबंध खराब होते हैं। कॉम्पटीशन की वजह से भी रेट बढ़ाना संभव नहीं होता।

ऑटो सेक्टर से सीधे जुड़े हैं कई उद्योग
ऑटोमोटिव सेक्टर की वृद्धि को प्राप्त करना महत्वपूर्ण है क्योंकि इसमें कई उद्योगों जुड़े हुए हैं। वाहनों की मैन्युफैक्चरिंग के लिए स्टील, लोहा, एल्युमिनियम, पेंट, प्लास्टिक, कांच, चमड़ा, इलेक्ट्रॉनिक्स, रबर, आदि की आवश्यकता होती है। इस क्षेत्र में ऑटोमोबाइल फाइनेंसिंग के रूप में बैंकिंग/एनबीएफसी उद्योग का महत्वपूर्ण योगदान है, जो रिटेल लोन के सबसे सामान्य रूप में से एक है।



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बीते कुछ महीनों में वाहनों की बिक्री के रफ्तार पकड़ने से देश की ऑटो इंडस्ट्री की तस्वीर भी सुधर गई है। ज्यादातर इकाइयां पूरी रफ्तार से काम कर रही हैं।


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