जब बुरा व्यक्ति परेशानियों में फंसता है, तब ही उसे धर्म की याद आती है - ucnews.in

बुधवार, 23 दिसंबर 2020

जब बुरा व्यक्ति परेशानियों में फंसता है, तब ही उसे धर्म की याद आती है

गलत काम करने वाले लोगों को कुछ समय तो सुख मिल सकता है, लेकिन एक दिन ऐसा समय भी आता है, जब उन्हें बुरे कामों का फल मिलता है और वे परेशानियों में फंसते हैं। बुरा व्यक्ति परेशानियों में फंसता है, तब ही धर्म-कर्म और सही-गलत की याद आती है। इस संबंध में महाभारत में एक कथा बताई गई है।

कथा के अनुसार महाभारत युद्ध चल रहा था। पांडवों ने कौरव सेना के कई महा रथियों को मार दिया था। इसके बाद अर्जुन और कर्ण का आमना-सामना हुआ। दोनों का युद्ध चल रहा था। इस दौरान कर्ण के रथ का पहिया जमीन में धंस गया।

रथ का पहिया निकालने के लिए कर्ण रथ से उतरा। उस समय अर्जुन ने अपने धनुष पर बाण चढ़ा रखा था। कर्ण ने अर्जुन से कहा कि तुम ये क्या कर रहे हो। एक कायर की तरह कर्म मत करो, एक निहत्थे योद्धा पर बाण चलाना, तुम्हें शोभा नहीं देता है। मुझे रथ का पहिया निकालने दो, फिर मैं तुमसे युद्ध करूंगा।

अर्जुन के सारथी श्रीकृष्ण ने कहा कि जब कोई बुरा व्यक्ति परेशानियों में फंसता है, तब ही उसे धर्म की याद आती है। आज कर्ण की स्थिति ऐसी ही है। जब द्रौपदी का चीर हरण हो रहा था, जब द्युत क्रीड़ा में कपट हो रहा था, तब कर्ण ने भी धर्म का साथ नहीं दिया था। वनवास के बाद भी पांडवों को उनका राज्य न लौटाना, 16 साल के अकेले अभिमन्यु को कई लोगों ने एक साथ घेरकर मार डाला, ये भी अधर्म ही था। उस समय कर्ण का धर्म कहां था? ये बातें सुनकर कर्ण निराश हो गया था।

श्रीकृष्ण ने अर्जुन से कहा कि तुम मत रुको और बाण चलाओ। कर्ण को धर्म की बात करने का अधिकार ही नहीं है। इसने हमेशा अधर्म का ही साथ दिया है। अर्जुन ने कृष्ण की बात मानकर कर्ण पर बाण छोड़ दिया और वह मारा गया।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
motivational story from mahabharata, arjun and krishna, arjun and karna war, we should not support wrong works,


from Dainik Bhaskar
via

Share with your friends

Add your opinion
Disqus comments
Notification
This is just an example, you can fill it later with your own note.
Done