अगहन महीने के शुक्लपक्ष में 20 दिसंबर को चंपाषष्ठी सिद्धि और रवियोग योग में मनाई जाएगी। इस दिन धनु राशि में सूर्य-बुध होने से बुधादित्य योग होने से इसे और भी अधिक शुभ माना जा रहा है। इसकी वजह यह है कि यह षष्ठी भगवान शिव, उनके अवतार भगवान भैरव और कार्तिकेय की पूजा का खास दिन माना जाता है।
महाराष्ट्रीयन समाज के लोग इस दिन भैरव के मल्हारी मार्तंड स्वरूप की, जबकि दक्षिण भारत के लोग कार्तिकेय व स्कंद भगवान और अन्य सनातनधर्मी इनके मार्कण्डेय रूप की पूजा करते हैं। इसे स्कंद व बैगन छठ भी कहते हैं। पंडितों का कहना है कि इस छठ को सुख-समृद्धि और संतान के अच्छे स्वास्थ्य के लिए किया जाता है। सोमवार को नंदा सप्तमी रहेगी। इस दिन महालक्ष्मी योग होने से यह दिन भी मांगलिक कार्यों के लिए शुभ रहेगा।
शिवलिंग पर जल चढ़ाने से मिलेगा विशेष फल
काशी के ज्योतिषाचार्य पं. गणेश मिश्र के मुताबिक चंपाषष्ठी पर सिद्धि योग सूर्योदय से ही शुरू हो जाएगा, जो दिनभर रहेगा। भगवान कार्तिकेय की पूजा वाले इस दिन मंगलवार होना शुभता में वृद्धिकारक होगा। इस दिन शिवलिंग पर ऊं नम: शिवाय मंत्र का जाप करते हुए जल चढ़ाने से बहुत पुण्य मिलता है। इससे मानसिक व शारीरिक रूप से निरोगी होते हैं।
इसी दिन किया राक्षसों का वध: कार्तिकेय स्वामी ने इसी तिथि पर तारकासुर का वध किया था। महाराष्ट्रीयन समाज में भैरव की मल्हारी मार्तंड के रूप में पूजा की जाती है। इसी दिन शिव ने मल्हारी का रूप धारण कर मणिमल्ल नाम के राक्षस का वध किया था।
भैरव हैं शिव का स्वरूप: स्कंदपुराण के अनुसार षष्ठी तिथि, मंगल ग्रह व दक्षिण दिशा कार्तिकेय को समर्पित है। भविष्यपुराण के मुताबिक चंपाषष्ठी पर कार्तिकेय ने मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग में डेरा जमाया था और इसी दिन यह देवसेना के सेनापति बने थे।
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
from Dainik Bhaskar
via