जब तुम किसी पर उपकार करोगे तो कोई उसे महत्व नहीं देगा, लेकिन जैसे उपकार करना बंद कर दोगे, वे लोग तुम्हें बुरा व्यक्ति घोषित करने में देर नहीं करेंगे, यही दुनिया है - ucnews.in

रविवार, 27 सितंबर 2020

जब तुम किसी पर उपकार करोगे तो कोई उसे महत्व नहीं देगा, लेकिन जैसे उपकार करना बंद कर दोगे, वे लोग तुम्हें बुरा व्यक्ति घोषित करने में देर नहीं करेंगे, यही दुनिया है

स्वामी विवेकानंद का जन्म 12 जनवरी, 1863 को कोलकाता के एक कायस्थ परिवार में हुआ था। इनका प्रारंभिक नाम नरेन्द्रनाथ दत्त था। नरेंद्रनाथ के पिता विश्वनाथ और माता भुवनेश्वरी थीं। इनके पिता उस समय कलकत्ता हाईकोर्ट के एक वकील थे। उनकी माता धार्मिक विचारों वाली महिला थीं। स्वामीजी ने परिवार को 25 वर्ष की उम्र में छोडकर संन्यास धारण कर लिया था।

1893 में अमेरिका के शिकागो में विश्व धर्म महासभा हुई थी, इस सभा में विवेकानंदजी ने अद्भुत भाषण दिया था। इस भाषण के बाद उन्हें काफी ख्याति मिली। उन्होंने रामकृष्ण परमहंस मिशन की शुरुआत की थी। स्वामीजी ने 4 जनवरी 1902 को देह त्यागी थी।

जानिए स्वामी विवेकानंद के कुछ ऐसे विचार, जिनका ध्यान रखने पर आप सफलता हासिल कर सकते हैं...



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