
वर्षा ऋतु और शीत ऋतु के संधिकाल में आश्विन मास की नवरात्रि आती है। ये समय बारिश के मौसम के जाने का और ठंड के आने का समय है। इन दिनों में मौसमी बीमारियों से बचाव के लिए दैनिक दिनचर्या में कुछ बदलाव कर लिए जाए तो स्वास्थ्य को लाभ मिल सकते हैं। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के अनुसार नवरात्रि में ध्यान और पूजा-पाठ करने धर्म लाभ के साथ ही सेहत के लाभ भी मिलते हैं।
नवरात्रि में रोज सुबह जल्दी उठने के बाद ध्यान और मंत्र जाप करने से नकारात्मक विचार खत्म होते हैं। सकारात्मकता बढ़ती है। सुबह-सुबह किए गए ध्यान से दिनभर के कामों में ऊर्जा और उत्साह बना रहता है। आलस्य हावी नहीं होता है। काम ठीक से कर पाते हैं।
मंत्रों का जाप कम से कम 108 बार करें
इन दिनों में देवी पूजा करते समय में दुं दुर्गायै नम: मंत्र का जाप कर सकते हैं। मंत्र जाप रुद्राक्ष की माला की मदद से करना चाहिए। पूजा करने वाले भक्त को साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए। जाप के लिए किसी ऐसे स्थान का चयन करें, जहां शांति और पवित्रता हो। एकाग्र मन से किए गए जाप से सकारात्मक फल मिलते हैं।
नवरात्रि में इन बातों का ध्यान रखें
नवरात्रि में घर का वातावरण प्रेममय बनाए रखना चाहिए। क्लेश न करें। गलत कामों से बचें। सुबह देर तक नहीं सोना चाहिए। माता-पिता का अनादर न करें। कन्याओं का और सभी महिलाओं का सम्मान करें। अपना काम ईमानदारी से करें और किसी का अहित न करें। अगर इन बातों का ध्यान नहीं रखेंगे तो नवरात्रि में की गई पूजा-पाठ का पूरा फल नहीं मिल पाता है।
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
from Dainik Bhaskar
via