मुश्किल काम को बीच में छोड़ देना आसान है, लेकिन जब किसी काम में बाधाएं हों और हालात भी अनुकूल न हो, तब उस काम को करते रहने से हमें हमारी ताकत मालूम होती है - ucnews.in

मंगलवार, 20 अक्टूबर 2020

मुश्किल काम को बीच में छोड़ देना आसान है, लेकिन जब किसी काम में बाधाएं हों और हालात भी अनुकूल न हो, तब उस काम को करते रहने से हमें हमारी ताकत मालूम होती है

दो बार नोबल पुरस्कार जीतने वाली मैरी क्यूरी का जन्म 8 नवम्बर 1867 को पोलैंड के वारसा शहर में हुआ था। मैरी को भौतिक विज्ञान और रसासन विज्ञान के क्षेत्र में की गई महान खोजों के लिए दो बार नोबेल पुरस्कार मिला था। इनकी दो बेटियों को भी नोबेल पुरस्कार मिल चुका है। मैरी ने कई बाधाओं का सामना करते हुए उच्च शिक्षा हासिल की थी। उस समय इनके शहर में महिलाओं के लिए सामान्य शिक्षा की ही व्यवस्था थी।

मैरी ने भौतिक और गणित की शिक्षा पेरिस से हासिल की थी। फ्रांस में डॉक्टरेट पूरा करने वाली पहली महिला थीं मैरी क्यूरी। मैरी पेरिस यूनिवर्सिटी की पहली महिला प्रोफेसर भी थीं। इनके पति का नाम पियरे क्यूरी था। पति-पत्नी दोनों वैज्ञानिक थे। इन्होंने रेडियम की खोज की थी। 4 जुलाई 1934 को मैरी का निधन हो गया था। जानिए मैरी क्यूरी के कुछ ऐसे प्रेरक विचार, जो हमारी कई समस्याओं को हल कर सकते हैं...



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