
इस समय दुनियाभर में लोग कोरोना महामारी की वजह से परेशान हैं। इस स्थिति में मानसिक तनाव से बचने के लिए ऊँ शब्द की ध्वनि से उत्पन्न पॉजिटिव वाइब्रेशन फिजिकल, मेंटल और इमोशनल हेल्थ के लिए उपयोगी है।
ऊँ ध्वनि से उत्पन्न वाइब्रेशन को इम्युनिटी तथा सेल्फ हीलिंग के लिए विविध रूपों में प्रयुक्त किया जाता है। ऊँ शब्द शक्ति का एक तरह से कीवर्ड है।
ऊँ अ उ म के शब्दों से मिलकर संयोग से बना है और इसको ब्रह्म बीज माना गया है। यह त्रिविध आकार रूप में परमात्मा का संक्षिप्त रूप है।
अ में अग्नि, उ में वायु और म में सूर्यदेव आते हैं। अ शारीरिक, उ मानसिक और म अवचेतन स्थिति से संबंधित है।
ऊँ का उच्चारण करने से वात, पित्त और कफ के विकार शांत होते हैं। शरीर के पंचतत्वों के संतुलन के लिए ऊँ का उच्चारण और ध्यान उपयोगी है।
इसीलिए स्वास्थ्य अच्छा बनाए रखने के लिए ऊँ शब्द का दीर्घ स्वर से उच्चारण करना चाहिए। ये उच्चारण रोज सुबह-शाम करें।
ऊँ के उच्चारण से विचारों की पॉजिटिविटी बढ़ती है। अशांत मन-मस्तिष्क को शांति और सुकून का एहसास होता है।
ऊँ शब्द के उच्चारण से वाइब्रेशन उत्पन्न होते हैं, जो निराशा, उत्साहहीनता, अवसाद, थकान के समय आपको नई शक्ति, आत्मविश्वास और अदम्य साहस प्रदान करते हैं। यही कारण है कि ऊँ का उच्चारण संजीविनी के समान प्राणदायक माना जाता है। जो इम्युनिटी और सेल्फ हीलिंग के लिए उपयोगी होता है।
स्ट्रैस से मुक्ति के लिए ऊँ के लघु, मध्यम और दीर्घ स्वरों से उच्चारण के साथ मेडिटेशन का अभ्यास करना चाहिए।
(लेखक - योगाश्रय सेवायतन प्राकृतिक चिकित्सा एवं ध्यान योग केंद्र जयपुर. राजस्थान के संस्थापक हैं।)
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