
जब भी कोई हमारे सामने नकारात्मक बातें करता है तो उसका असर हमारी सोच पर भी होता है। मुश्किल समय में ऐसी बातें हमारा आत्मविश्वास कमजोर कर सकती हैं। इसीलिए खुद पर भरोसा रखना चाहिए और सोच सकारात्मक बनाए रखेंगे तो ऐसी परिस्थितियों में भी सफलता हासिल की जा सकती है।
दूसरों की नकारात्मक बातें कैसे असर करती हैं, इस संबंध में एक लोक कथा प्रचलित है। कथा के अनुसार पुराने समय में एक राज्य में दो राजकुमार थे। एक दिन दोनों भाइयों ने शिकार पर जाने की योजना बनाई। राजकुमार कुछ सैनिकों को साथ लेकर जंगल की ओर निकल पड़े।
जंगल में काफी दूर पहुंचने पर राजकुमारों को थकान होने लगी। तभी इन्हें एक नदी दिखाई दी। राजकुमारों ने नदी किनारे डेरा डाल दिया। स्नान के लिए दोनों राजकुमार नदी में उतर गए। नदी का बहाव तेज था। एक राजकुमार बहाव में बह गया और गहराई में पहुंच गया।
किनारे पर दूसरा राजकुमार और सैनिक नदी के बहाव से डर गए और डूब रहे राजकुमार को बचाने की कोशिश भी नहीं कर पा रहे थे। किनारे पर खड़े-खड़े सभी लोग यही बोल रहे थे कि अब राजकुमार नहीं बचेंगे। नदी में डूब रहा राजकुमार भी इनकी बातें सुनकर कमजोर महसूस करने लगा। उसके हाथ-पैर चलना बंद होने लगे। उसे खुद पर भरोसा नहीं रहा कि वह अब बच सकेगा।
जब राजकुमार ने तैरने की कोशिश बंद कर दी तो वह तेजी से नदी में बह गया। किनारे पर बैठे सभी लोग राजकुमार की चिंता में निराश हो रहे थे। तभी कुछ देर बाद दूसरी और से एक साधु और राजकुमार इन्हें आते हुए दिखाई दिए।
किनारे पर बैठे सभी लोग प्रसन्न हो गए। उन्होंने राजकुमार से पूछा कि वह कैसा बचा? तब साधु ने कहा कि जब ये नदी में बहकर दूर तक चला गया तो ये वहां अकेला था, इसे निराश करने वाली बातें नहीं थी, कोई भी इसका उत्साह कम करने वाला नहीं था। इसने खुद को ये समझाया कि वह नदी से बाहर निकल सकता है, सकारात्मक विचार आते ही ये ऊर्जा से भर गया। इसका उत्साह लौट आया। अब राजकुमार ने बाहर निकलने की कोशिश शुरू कर दी। कुछ ही देर में इसे लकड़ी का बड़ा टुकड़ा मिल गया, जिसे पकड़कर ये किनारे तक पहुंच गया और इस तरह राजकुमार के प्राण बच गए।
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