
जीवन में सुख-शांति बनाए रखने के लिए जरूरी है मन में संतुष्टि का भाव बना रहे। अगर असंतुष्टि रहेगी तो मन हमेशा अशांत ही रहेगा। अशांत मन की वजह से काम में मन नहीं लग पाता है। इस संबंध में एक लोक कथा प्रचलित है। कथा के अनुसार एक गरीब हमेशा भगवान से प्रार्थना करता था कि उसे धन का सुख मिल जाए। इसीलिए वह भक्ति करते रहता था, लेकिन उसकी समस्याएं खत्म नहीं हो रही थीं।
एक दिन उसके गांव में एक संत आए और गांव में ही कुछ दिनों के लिए रुक गए। संत के प्रवचन सुनने के लिए गांव के सभी लोग पहुंचते थे। वह गरीब भी संत से मिलने पहुंचा।
गरीब व्यक्ति ने संत को अपने बारे में बताया और कहा कि मुझे परेशानियां दूर करने का कोई उपाय बताएं। संत ने उसे एक मंत्र बताया और कहा कि रोज इस मंत्र का जाप करना। संत की बताई विधि से गरीब व्यक्ति मंत्र जाप करने लगा।
सही विधि और सही उच्चारण के साथ किए गए मंत्र जाप से धन की देवी प्रसन्न हो गईं और उसके सामने प्रकट हुईं। देवी ने उससे कहा कि मैं तुम्हारी भक्ति से प्रसन्न हूं, वर मांगो, तुम्हारी हर इच्छा पूरी होगी।
गरीब देवी को देखकर हैरान हो गया। उसे समझ नहीं आ रहा था कि वह वर में क्या मांगे? उसने देवी से कहा कि अभी मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा है, मैं कल आपको मेरी इच्छा बता दूंगा। देवी ने कहा कि ठीक है।
देवी के जाने के बाद गरीब व्यक्ति बहुत चिंतित हो गया। उसने सोचा कि मेरे पास रहने के लिए घर नहीं है, घर मांग लेता हूं। उसने फिर सोचा कि राजा शक्तिशाली होता है, मुझे राजा बनने का वरदान मांग लेना चाहिए। अपार धन आने के संकेत से ही उसे रातभर नींद नहीं आई। सुबह हो गई, लेकिन उसे समझ नहीं आया कि वर में क्या मांगना चाहिए।
वह सुबह उठा, स्नान किया और पूजा करने लगा। तभी देवी फिर से प्रकट हो गईं। व्यक्ति ने कहा कि देवी आप मुझे सिर्फ ये वर दें कि मेरा मन आपकी भक्ति में लगा रहे। सुख-दुख में हर हाल में मैं संतुष्ट रहना चाहता हूं। देवी ने कहा कि तुम अपने लिए धन-संपत्ति भी मांग सकते हो। भक्त ने कहा कि देवी अभी मेरे पास कुछ भी नहीं है, लेकिन धन आने के संकेत मात्र से मेरी नींद उड़ गई। मुझे ऐसा धन नहीं चाहिए, जिससे मेरी सुख-शांति खत्म हो जाए। देवी प्रसन्न हुईं और उन्होंने कहा तुम जैसा चाहते हो, वैसा ही होगा।
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
from Dainik Bhaskar
via