
रहीम का जन्म करीब 1556 में और मृत्यु 1627 के आसपास हुई थी। रहीम के दोहों में जीवन को सुखी और सफल बनाने के सूत्र बताए गए हैं। इन्हें अपनाने से हमारी कई समस्याएं खत्म हो सकती हैं। रहीम का इतिहास मुगल बादशाह अकबर से जुड़ा है। मुगल हुमायुं की मृत्यु उस समय हो गई थी जब जलाल यानी अकबर बहुत छोटा था। हुमायुं के बाद बैरमखां ने मुगल सल्तनत और अकबर का ध्यान रखा।
बैरमखां की मृत्यु के बाद उसकी बेगम सुल्ताना और पुत्र रहीम का ध्यान अकबर ने रखा था। रहीम से अकबर के विशेष लगाव था। रहीम का पूरा नाम अब्दुल रहीम खान-ए-खाना था। जानिए रहीम के कुछ खास दोहे...




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