
कुछ लोग मंत्र जाप करते हैं, लेकिन उन्हें लाभ नहीं मिलता है। ऐसे लोगों के लिए कबीरदास ने एक दोहे में बताया है कि - माला फेरत जुग भया, फिरा न मन का फेर, कर का मनका डार दे, मन का मनका फेर। इस दोहे का अर्थ यह है कि कोई व्यक्ति लंबे समय तक हाथ में मोतियों की माला लेकर जाप करता है, लेकिन उसके मन में बुरे विचार चलते रहते हैं।
ऐसे लोगों को कबीरदासजी ने सलाह दी है कि व्यक्ति को मन के मोतियों को बदलना चाहिए यानी बुरे विचारों को छोड़ना चाहिए। तभी अच्छे फल मिल सकते हैं। यहां जानिए कबीरदासजी के कुछ और ऐसे ही दोहे...




Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
from Dainik Bhaskar
via