पौष मास में प्रकृति में होते हैं सकारात्मक बदलाव जिससे बढ़ती है जीवन शक्ति - ucnews.in

बुधवार, 30 दिसंबर 2020

पौष मास में प्रकृति में होते हैं सकारात्मक बदलाव जिससे बढ़ती है जीवन शक्ति

सूर्य की शक्तियों वाला पौष का महीना गुरुवार से शुरू हो रहा है। इस महीने प्रकृति में बहुत से सकारात्मक बदलाव आते हैं। ऐसे में उन बदलावों के लिए तैयार होना जरूरी है। इसलिए पौष महीने में जीवन शक्ति और आध्यात्म स्तर बढ़ाने का सही समय होता है। काशी के ज्योतिषाचार्य पं. गणेश मिश्र का कहना है कि वैसे तो पौष महीने में कोई शुभ काम नहीं होते, लेकिन भगवान की उपासना की जाती है। खासतौर से सूर्य उपासना के लिए से सबसे अच्छा महीना माना जाता है।

पौष महीने का महत्व
हिन्दू पंचांग के दसवें महीने को पौष कहते हैं। इस महीने में हेमंत ऋतु का प्रभाव रहता है इसलिए ठंडक काफी रहती है। इस महीने में सूर्य अपने विशेष प्रभाव में रहता है। महीने में मुख्य रूप से की जाने वानी सूर्य की उपासना ही विशेष फलदायी होती है। मान्यता है कि इस महीने सूर्य 11 हजार रश्मियों के साथ व्यक्ति को ऊर्जा और उत्तम सेहत प्रदान करता है। पौष मास में अगर सूर्य की नियमित उपासना करे तो व्यक्ति पूरे साल स्वस्थ और संपन्न रहेगा।

11 खास व्रत-त्योहार
पौष महीने में कृष्णपक्ष में गणेश चतुर्थी, रुक्मणी अष्टमी, सफला एकादशी, स्वरूप द्वादशी, प्रदोष व्रत, शिव चतुर्दशी, श्राद्ध अमावस्या और उसके अगले दिन स्नान-दान की अमावस्या रहेगी। इसके बाद शुक्लपक्ष में मकर संक्रांति, विनायकी चतुर्थी, पुत्रदा एकादशी, प्रदोष व्रत और स्नान-दान की पौष पूर्णिमा रहेगी।

ऐसे करें सूर्य की उपासना
रोज सुबह स्नान करने के बाद सूर्य को तांबे के पात्र से जल में रोली और फूल डालकर अर्पित करें।
सूर्य मंत्र 'ॐ आदित्याय नमः' का जाप करें नमक का सेवन कम से कम करें। ऐसा करने से स्वास्थ्य लाभ मिलेगा।
रोज सूर्योदय से पहले उठें और सूर्य पूजा करें।
तिल, गेहूं, गुड़, ऊनी वस्त्र, तांबे के बर्तन और लाल वस्तुओं का दान करें।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
There are positive changes in nature during Pausha month which increases vitality


from Dainik Bhaskar
via

Share with your friends

Related Posts

Add your opinion
Disqus comments
Notification
This is just an example, you can fill it later with your own note.
Done