
रामकृष्ण परमहंस कहते थे भगवान की कृपा कई रास्तों से और कई माध्यमों से प्राप्त की जा सकती है। हमारे रास्ते अलग-अलग हो सकते हैं, सभी रास्ते भगवान तक पहुंचते हैं। महत्वपूर्ण बात यह है कि हमें भगवान की कृपा मिलती है या नहीं, यानी हम भगवान तक पहुंच पाते हैं या नहीं। भक्त को बुरे विचारों से और बुरे आचरण से बचना चाहिए। निस्वार्थ भाव से भक्ति करेंगे तो जीवन में सुख-शांति बनी रहती है। परमहंसजी स्वामी विवेकानंद के गुरु थे।
जानिए रामकृष्ण परमहंस के कुछ ऐसे विचार, जिनका ध्यान रखने से हमारी कई परेशानियां खत्म हो सकती हैं...




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