
शुक्रवार, 16 अक्टूबर को अधिक मास खत्म हो रहा है। इसके बाद अगले दिन से यानी 17 अक्टूबर से देवी पूजा का नौ दिवसीय पर्व नवरात्रि शुरू हो रहा है। इस साल हिन्दी पंचांग में 12 नहीं 13 महीने हैं। अधिक मास की वजह से पितृ पक्ष के बाद नवरात्रि पूरे एक माह देरी से शुरू होगी। नवरात्रि के बाद कार्तिक पूर्णिमा तक कई बड़े पर्व आएंगे। जानिए किस तारीख पर कौन सा उत्सव मनाया जाएगा...
शुक्रवार 16 अक्टूबर को अधिक मास की अमावस्या है। इसके बाद अगले दिन से आश्विन मास का शुक्ल पक्ष शुरू होगा। 17 तारीख को घट स्थापना होगी। इसी दिन तुला संक्रांति भी है। सूर्य कन्या से तुला राशि में प्रवेश करेगा।
शनिवार, 24 अक्टूबर को महाष्टमी है। 25 तारीख को दुर्गा नवमी है, ये नवरात्रि की अंतिम तिथि रहेगी।
सोमवार, 26 अक्टूबर को दशहरा मनाया जाएगा। इस दिन श्रीराम और शमी वृक्ष का विशेष पूजन किया जाता है।
शुक्रवार, 30 अक्टूबर को शरद पूर्णिमा है। इसे कोजागरी पूर्णिमा भी कहते हैं। मान्यता है कि इस तिथि पर देवी लक्ष्मी पृथ्वी का भ्रमण करती हैं।
बुधवार, 4 नवंबर को महिलाओं का महापर्व करवा चौथ है। इस दिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र, अच्छे स्वास्थ्य और सुखद भविष्य की कामना से निर्जला व्रत करती हैं। महिलाएं चौथ माता की पूजा इस दिन करती हैं।
गुरुवार, 12 नवंबर को धनतेरस से दीपोत्सव शुरू हो रहा है। 13 तारीख को रूप चतुर्दशी, 14 को दीपावली, 15 को गोवर्धन पूजा और 16 नवंबर को भाई दूज मनाई जाएगी।
शुक्रवार, 20 नवंबर को सूर्य पूजा का महापर्व छठ पूजा है। इस दिन सूर्य को अर्घ्य देने और पवित्र नदी में स्नान करने की परंपरा है।
बुधवार, 25 नवंबर को देवउठनी एकादशी है। इस दिन से भगवान विष्णु विश्राम से जागते हैं। तुलसी और शालीग्राम का विवाह कराया जाता है।
सोमवार, 30 नवंबर को कार्तिक मास की पूर्णिमा है। इस दिन गुरुनानक जयंती भी मनाई जाती है।
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